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RJD ने संसद में EWS के 10 फीसदी आरक्षण का विरोध किया था, अब किस मुंह से सवर्णो से वोट मांगेंगे

लाइव सिटीज, पटना: सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से कमजोर तबके को 10 फीसदी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक बार फिर सियासत गरमाती दिख रही है. बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने इसको लेकर राष्ट्रीय जनता दल पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जिस आरजेडी ने 10 प्रतिशत आरक्षण के विरोध में संसद के दोनों सदनों में मतदान किया था, वह अब किस मुंह से सवर्णो से वोट मांगने जाएगा.

सुशील मोदी ने आरजेडी पर हमला बोला: बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, “RJD ने EWS के १० % आरक्षण के विरोध में संसद के दोनों सदनों में मतदान किया था। Rjd अब किस मुँह से सवर्णो से वोट माँगने जाएगी.”

सुप्रीम कोर्ट ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 फीसदी आरक्षण के प्रावधान को बरकरार रखा है. 5 जजों की बेंच में से चार जजों ने संविधान के 103 वें संशोधन अधिनियम 2019 सही माना है. सुप्रीम कोर्ट में इसे मोदी सरकार की बड़ी मानी जा रही है. दरअसल, केंद्र सरकार ने संविधान में संशोधन कर सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया था. आरक्षण का प्रावधान करने वाले 103वें संविधान संशोधन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. 5 जजों की बेंच में तीन जजों ने EWS आरक्षण के समर्थन में फैसला सुनाया. जबकि जस्टिस एस. रविंद्र भट्ट और सीजेआई यूयू ललित ने EWS आरक्षण पर अपनी असहमति जताई.

जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने EWS आरक्षण के फैसले को सही ठहराया. जस्टिस दिनेश माहेश्वरी ने अपनी राय सुनाते हुए कहा कि सवाल बड़ा ये था कि क्या EWS आरक्षण संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. क्या इससे SC / ST / ObC को बाहर रखना मूल भावना के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि EWS कोटा संविधान का उल्लंघन नही करता. EWS आरक्षण सही है. ये संविधान के किसी प्रावधान का उल्लंघन नहीं करता. ये भारत के संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन नहीं करता है.

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