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आस्था का महापर्व छठ आज से शुरू, जानें कैमूर वासियों के लिए डीएम और एसपी क्या बोलें

लाइव सिटीज, कैमूर/ ब्रजेश दुबे: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा आज से शुरुआत हो रही है. आज नहाय खाय के साथ ही चार दिनों का महापर्व छठ शुरू हो गया है. इस मौके पर कैमूर डीएम नवदीप शुक्ला और एसपी राकेश कुमार ने जिले वासियों को महापर्व छठ की शुभकामनाएं दी है. डीएम नवदीप शुक्ला ने भगवान भास्कर से जिले की प्रगति, सुख, समृद्धि और शांति की कामना की है. वहीं एसपी राकेश कुमार ने महापर्व छठ को अतुलनीय बताया है.

डीएम नवदीप शुक्ला ने जिले वासियों को महापर्व छठ की शुभकामनाएं दी है. तथा एसपी राकेश कुमार ने कहा है कि लोक आस्था के 4 दिवसीय महापर्व छठ के अवसर पर कैमूर जिले वासियों को शुभकामनाएं. यह आत्मानुशासन का पर्व है. लोग शुद्ध अन्तःकरण एवं निर्मल मन से अस्ताचल और उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं. भगवान भास्कर से जिले  की प्रगति, सुख, समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना है.

वहीं एसपी राकेश कुमार ने वैसे असामाजिक तत्व के लोगों को कड़ा संदेश देते हुए कहा कहा कि छठ घाटों पर पटाखे छोड़ने वालों एवं आतिशबाजी करने वालों का खैर नहीं रहेगा आतिशबाजी करने वालो पर पुलिस की कड़ी नजर रहेगी नहीं बक्शे जायेंगे. असामाजिक तत्त्व के लोग. वहीं डीएम नवदीप शुक्ला ने कहा कि सूर्योपासना के महापर्व छठ पूजा के आज नहाय-खाय के साथ शुभारंभ की सभी कैमूर(भभुआ) जिले वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं. आडम्बर से कोसों दूर, साफ सफाई, शुद्धता, सादगी, कृषि, संस्कृति तथा प्रकृति एवं जल स्रोतों के संरक्षण की महत्ता पर परोक्ष रूप से बल देने वाला यह महापर्व सचमुच अतुलनीय है!

बता दें कि आज नहाय खाय के साथ ही चार दिनों का महापर्व छठ शुरू हो गया है. कल यानी 29 अक्टूबर 2022 को खरना है. लोहंडा (खरना) में व्रती पूरे दिन का उपवास कर शाम में भगवान भास्कर की पूजा कर प्रसाद ग्रहण करेंगी. वहीं रविवार 30 अक्टूबर 2022 को वर्ती शाम में सूर्य देवता को अर्घ्य देंगे. जबकि 31 अक्टूबर 2022 को सुबह अरुणोदय बेला में उगते सूर्य को अर्घ्य देकर आयु-आरोग्यता, यश, संपदा का आशीर्वाद लिया जायेगा. आज यानी शुक्रवार को नहाय खाय के दिन छठ व्रती नदी, जलाशय, पोखर या जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर छठ की सफलता के लिए प्रार्थना करेंगी. फिर पूरी पवित्रता से तैयार प्रसाद स्वरूप अरवा चावल, चना दाल, कद्दू की सब्जी, आवलां की चासनी, पकौड़ी आदि ग्रहण कर अनुष्ठान शुरू करेंगी.

बतातें चले कि नहाय खाय के दिन बने प्रसाद में लहसुन-प्याज पर प्रतिबंध होता है. बैगन या बाकी अन्य सब्जियों को नहाय खाय के प्रसाद से दूर रखा जाता है. छठ व्रती प्रसाद बनाने के बाद पहले भगवान सूर्य की आराधना करते हैं उसके बाद नहाय खाय का प्रसाद ग्रहण करते हैं. छठ व्रती के प्रसाद ग्रहण के बाद ही परिवार के अन्य सदस्य प्रसाद को ग्रहण करते हैं. छठ पर्व में सूर्योपासना करने से छठ माता प्रसन्न होती है और परिवार में सुख, शांति व धन-धान्य से परिपूर्ण करती है. सूर्यदेव की प्रिय तिथि पर पूजा, अनुष्ठान करने से अभीष्ट फल प्राप्त होता है. इनकी उपासना से असाध्य रोग, कष्ट, शत्रु का नाश, सौभाग्य तथा संतान की प्राप्ति होती है.

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