लाइव सिटीज, पटना: शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर और अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच पावर को लेकर चल रहे तनातनी के बाच बिहार के सरकारी स्कूलों की व्यवस्था को बेहतर करने का प्रयास लगातार जारी है.स्कूलों के निरीक्षण के बाद अब शिक्षकों और छात्र-छात्राओं की हाजिरी ऑनलाइन तरीके से करने की तैयारी की जा रही है.इसकी शुरूआत राजधानी पटना से 16 जुलाई से हो रही है..और उसके बाद पूरे बिहार मे ये व्यवस्था लागू की जाएगी वहीं छात्र-छात्राओं की ऑऩलाइन हाजिरी अगस्त माह से शुरू होगी.
इस व्यवस्था के लागू होने पर सरकारी स्कूल की व्यवस्था में गुणात्मक सुधार होंगे.शिक्षकों के गायब रहने की शिकायत का निराकरण होगा.क्योंकि स्कूल के शिक्षक के साथ ही वहां के प्रधानाध्यापक को भी ऑनलाइन हाजिरी बनानी होगी ..वह भी स्कूल परिसर से ही..जिस ऑनलाइन पोर्टल के लिए जरिए हाजिरी लगेगी वह स्कूल परिसर में काम करेगी..बाहर नहीं.
इस ऑनलाइन हाजिरी के लिए बिहार परियोजना परिषद ने एक मोबाइल एप तैयार किया है.इसमें स्कूल के प्रधानाध्यापक,शिक्षक और छात्रों के लिए अलग अलग मॉड्यूल बनाए गए हैं.इसमें 2021-22 में बनी शिक्षा विभाग के यू-डायस के आधार पर प्रधानाध्यापक और शिक्षकों की आईडी बनेगी.उसे बाद छात्रा-छात्राओं के लिए क्लासवाइज आईडी बनेगी.सबसे पहले प्रधानाध्यापक लॉगिन करेंगे और फिर वे शिक्षकों को यूजर आईडी एवं पासवर्ड देंगे.
सभी शिक्षक इसी यूजर आईडी और पासवर्ड से अपना हाजिरी बनाएंगे.उसके बाद शिक्षक क्लासवाइज छात्रा-छात्राओं की हाजिरी बनाएंगे.इस संबंध में शिक्षा परियोजना परिषद के अधिकारियों ने बताया कि यह एप स्कूल परिसर में ही काम करेगा.इसका मतलब है कि कोई शिक्षक स्कूल के बाहर से अपनी हाजिरी बनाना चाहें तो वे ऐसा नहीं कर पाएंगे.उन्हें समय पर स्कूल आना ही पड़ेगा.
वहीं के.के पाठक के अपर मुख्य सचिव बनने के बाद शिक्षा विभाग द्वारा उठाये जा रहे सख्त कदम से आम बिहारी काफी खुश हैं,उन्हें लगता ही कि अब सरकारी स्कूल की व्यवस्था पहले से बेहतर होगें.अभी स्कूलों में अधिकारियों का निरीक्षण लगातार चल रहा है.इससे स्कूलों मे शिक्षकों की उपस्थिति पहले के मुताबिक बेहतर हुई है. ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्कूल के शिक्षकों के गायब रहने या आपसी सहमति से सप्ताह में क्रमवार दो -तीन आने की की शिकायत आमतौर पर रहती थी,पर निरीक्षण होने और गायब शिक्षकों का वेतन रोके जाने से हालात बदल रहे हैं और शिक्षकों की उपस्थिति बेहतर हुई है.इससे स्कूल में पठन-पाठन भी बेहतर हुआ है.नई व्यवस्था लागू होने से इसमें और ज्यादा सुधार होगा.