लाइव सिटीज, पटना: कुछ दिन पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक कार्यक्रम के दौरान संबोधन में बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री संबोधित कर दिया था. जदयू की ओर से इस बात को तब नीतीश कुमार की ज़ुबान फिसलना बताया गया था. लेकिन, उसके कुछ दिन बाद ही राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने एक बयान दिया, जिसे नीतीश कुमार की जुबान फिसलने वाले बयान से जोड़ कर देखा जा रहा है. उनके इस बयान ने बिहार की सियासत में हलचल तेज कर दी है. दरअसल, जगदानंद सिंह के बयान पर JDU संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने भी कड़ी नसीहत वाला पलटवार कर दिया है.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि जगदानंद सिंह के मन में आशंका हैं.जगदानंद सिंह का बयान उस पिता की तरह है जो किसी अनहोनी के भय से अपने बेटा या बेटी की शादी जैसे-तैसे निपटा लेना चाहता है. इसमें ऐसी कोई बात नहीं है कि जिसपर प्रतिक्रिया देने की जरूरत है.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि जगदानंद सिंह के बयान का अलग भाव है. आरजेडी और जेडीयू के बीच मतभेद के सवाल पर कुशवाहा ने कहा कि गठबंधन बिल्कुल सहज है और उसमें कोई मतभेद नहीं है. अगर कभी कोई निर्णय लेना होगा तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी तरह से सक्षम हैं, इसलिए जगदानंद सिंह के बयान को बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है.
आपको बता दें की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के बिहार अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने दावा किया है कि 2022 खत्म होने के बाद 2023 में तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री बन सकते हैं. हमें लगता है कि 2022 बीतने के बाद 2023 में नीतीश देश की लड़ाई लड़ेंगे और बिहार के भविष्य की लड़ाई तेजस्वी यादव के हाथ में सौंप देंगे. जगदानंद सिंह हाल ही में आरजेडी के दोबारा प्रदेश अध्यक्ष चुने गए हैं जो दोबारा बनना चाहते नहीं थे लेकिन पार्टी चीफ लालू यादव ने उनको मनाया तो राजी हुए.