लाइव सिटीज, सेंट्रल डेस्क: मोतिहारी के एक निजी अस्पताल में मरीजों के हाथ पैर बांध कर इलाज होता है। इलाज के दौरान युवती की मौत के बाद भाग रहे डॉक्टर और कर्मियों ने मरीज के परिजनों पर हमला बोल दिया है। हमला में दो परिजनों को गंभीर चोटें आयी है। जिन्हें सदर अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। वही परिजनों की सूचना पर नगर थाना पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिये सदर अस्पताल लाया गया।
अपने परिवार की एक सदस्य को खो देने वाली रोती चिल्लाती ये महिलाएं पीपराकोठी थाना के जीवधारा किशुनपुर गांव की रहने वाली है। जिन्होंने दलाल के चक्कर मे पेट दर्द से परेशान 18 वर्षीय बेटी सोनी कुमारी को मोतिहारी नगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। पेट दर्द अपेंडिक्स के कारण हो रहा था। नतीजतन ऑपरेशन करना पड़ा। अस्पताल में तय राशि के अनुसार परिजनों ने 21 हजार रुपये जमा करा दिए। फिर स्थिति के खराब होने पर छह हजार रुपये और वसूले गए। फिर भी स्थिति में सुधार नही हो सका। मरीज युवती के हाथ पैर बांध कर और मुंह पर टेप साट कर इलाज किया जा रहा था।
इस दौरान युवती की मौत हो गयी। इसकी भनक परिजनों को लगी तो अस्पताल कर्मियों ने शव देने के बदले एक कमरे में शव को बंद कर फरार होने लगे। परिजनों के पूछताछ पर कर्मियों ने परिजनों के साथ मारपीट शुरू किया है। मारपीट में मृतक के चाचा के गंभीर चोटें आयी है जबकि मामा को कर्मियों ने चाकू से काटकर घायल कर दिया।
पुलिस के पहुचने पर परिजनों ने अस्पताल के कमरे में बंद शव को निकाल है। मृतक की मां गीता देवी ने बताया कि अपेंडिक्स के 19 अक्टूबर को ऑपरेशन किया गया। लेकिन 23 अक्टूबर की शाम को मिलने के लिये कहने पर कर्मियों ने परिजनों के साथ मारपीट किया है।
पिता रमेश प्रसाद ने बताया कि वे नेपाल में भुजा बेचकर परिवार चलते है। बेटी की तबीयत खराब होने पर घर इलाज के लिये भेजा, जहां गांव के निवासी राजकुमार के कहने पर मोतिहारी नगर के अगरवा मुहल्ला मोड़ के ओम साई अस्पताल में भर्ती किया गया। जहां ऑपरेशन किया गया। इलाज में कोताही के कारण सोनी कुमारी की तबीयत खराब ही गई। तबीयत खराब होने पर अस्पताल प्रबंधन की ओर से दूसरे अस्पताल में भेजने का कहने पर पर रुपये की मांग किया जाता रहा और ठीक हो जाने का अश्वासन दिया जाता रहा। इलाज के लिये उसके हाथ पैर को बांध दिया गया और मुंह में टेप साट दिया।