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बिहार में नीरा से पहली बार बनाई जा रही तिलकुट, पेड़ा-लाई, लडडू भी बिक रहे

लाइव सिटीज, सेंट्रल डेस्क: बिहार के गया में नीरा से पहली बार तिलकुट बनाई जा रही है. वहीं नीरा से पेड़ा, लडडू और लाई भी बनाकर बेची जा रही है. गया जिले के बोधगया प्रखंड अंतर्गत इलरा गांव में कुछ परिवार नीरा से तिलकुट बनाने का काम कर रहा है.

नीरा को लेकर सरकार की कई योजनाएं हैं. किंतु अभी तक अधिकांश योजनाएं धरातल पर नहीं है. सरकार ने वर्ष 2016 में पूर्ण शराबबंदी के बाद 2017-18 में नीरा की योजना लाई थी. मकसद था कि लोग शराब की जगह नीरा का सेवन कर सकेंगे. किंतु नीरा की न तो बिक्री बढ़ी और न ही पीने वाले. नतीजतन नीरा के खुलने वाले काउंटर भी कुछ दिनों के अंतराल में ही बंद हो गए. हालांकि कागजों पर नीरा की योजना को आज भी चलायमान रखा गया है. किंतु सच्चाई यह है कि बिहार सरकार की जनता को नीरा पिलाने की योजना टांय टांय फिस्स हो गई है.

इसके बीच नीरा को लेकर सकारात्मक बात सामने आई है. बिहार में अब सबसे पहले गया जिला में नीरा से तिलकुट बनाया जा रहा है. गया के इलरा में कुछ परिवार नीरा से तिलकुट बना रहा है. वही पेड़ा, लाइ लड्डू भी बना रहा. बड़ी बात यह है कि इसकी मांग बाजारों में भी है जागरूक और जानने वाले लोग नीरा के तिलकुट व नीरा से बने अन्य मिठाइयों को पसंद कर रहे हैं. बोधगया में विदेशी भी इसकी डिमांड कर रहे हैं.

इलरा गांव की पुष्पा राज शांति जीविका से जुड़ी रही है. परिवार मदद से नीरा से तिलकुट बना रही है. बोधगया के बाजार में फिलहाल बेचे जा रहे हैं. बाजार में देसी पर्यटक हों या विदेशी पर्यटक, उन्हें नीरा का तिलकुट भा रहा है. पुष्पा बताती है कि शुरू में लगा था कि नीरा का तिलकुट बिक भी पाएगा या नहीं, किंतु लोगों को इसकी जानकारी दी गई. लोग जागरूक हुए तो बाजार में इसकी डिमांड बढी है. बोधगया में इसकी अच्छी बिक्री हो रही है. देसी पर्यटक हो या विदेशी पर्यटक, हर किसी को नीरा का तिलकुट स्वादिष्ट लग रहा है.

वहीं, इस संबंध में इलरा गांव के डब्लू कुमार बताते हैं, कि नीरा का तिलकुट काफी स्वादिष्ट होता है. नीरा से पेड़ा और लाई भी बनाई जा रही है. उसकी भी अच्छी डिमांड है. वह लोगों को नीरा के तिलकुट के व्यवसाय से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं और कई तैयार भी हुए हैं. अब नीरा का तिलकुट बना रहे हैं और दुकानों में भी बेच रहे हैं. इसे खाने वाले बताते हैं कि नीरा का तिलकुट स्वास्थ्य की दृष्टि से भी काफी फायदेमंद है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी नीरा से बनी मिठाई भा आ रही हैं.

नीरा से बने तिलकुट को शुगर फ्री बताया जाता है. नीरा सेहत के लिए भी फायदेमंद है. नीरा से बनने वाला तिलकुट लाजवाब स्वाद वाला होता है. नीरा का तिलकुट बनाने में कोई ज्यादा परेशानियां भी नहीं है. बस नीरा को सुखाकर उसे गुङ बना देना है और फिर गुड और तिल मिलाकर उसे कूटकर तिलकुट का रूप देना है.

राज्य में अप्रैल 2016 से लागू शराबबंदी के बाद से ही तार-खजूर के पेड़ों से नीरा उत्पादन की योजना तैयार की गई थी. सरकार की ओर वर्ष 2017-18 में राज्य के 12 जिले- मुजफ्फनालंदा, गया, पटना, समस्तीपुर, वैशाली, औरंगाबाद, भागलपुर, नवादा, जहानाबाद, बांका, मुजफ्फरपुर और सारण में इसकी बिक्री शुरू कीई थी. ताङ खजूर के पेड़ों से उतरने वाली सुबह की रस को नीरा कहा जाता है. वहीं, सूर्योदय बाद यदि ताड़ खजूर का रस छेवक द्वारा पेड़ से उतारा जाता है, तो उसमें अल्कोहल की मात्रा आ जाती है. वर्तमान में राज्य सरकार ने नीरा को लेकर कई योजनाएं बनाई है. वही सूर्योदय के देर बाद उतारे जाने पर वह ताड़ी हो जाती है, जिससे अल्कोहल की मात्रा भी आ जाती है. इसे लेकर राज्य सरकार ने ताङी को देसी दारू की श्रेणी में रखा है.

नीरा से बना तिलकुट बराबर खाते हैं. यह काफी स्वादिष्ट होता है. वहीं, सेहत के लिए भी फायदेमंद है. बेचने वाले भइया ने बताया था तो फिर खाना शुरू किया और अब हमेशा खाते हैं.

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