लाइव सिटीज, सेंट्रल डेस्क: कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और परिवार की कुशलता के लिए करवा चौथ का व्रत करेंगी. करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर को रखा जाएगा. इस दिन महिलाएं चंद्रोदय तक निर्जला उपवास रखकर चंद्रमा के दर्शन व पूजन करने के बाद व्रत को पूर्ण करेंगी.
करवा चौथ के दिन चतुर्थी माता (करवा माता) और भगवान गणेश की पूजा की जाएगी. दांपत्य जीवन में मधुरता तथा व्रतियों का गृहस्थ जीवन सुखमय व्यतीत होता है. यह व्रत आम तौर पर पंजाबी समुदाय में मनाया जाता था, लेकिन हाल के दिनों में देश के दूसरे इलाकों में भी इसका चलन बढ़ा है.
करवा चौथ पर सुहागिन महिलाएं शिव-पार्वती, रिद्धि-सिद्धि सहित भगवान गणेश, कार्तिकेय एवं चंद्रमा की पूजा करने के बाद चंद्रमा को चलनी से देख कर उन्हें अघ्र्य देंगी. महिलाएं दिन भर उपवास कर संध्या काल में नए वस्त्र, श्रृंगार आदि करके देवी-देवताओं की पूजा करने के बाद चंद्रदेव को चलनी से दीप के साथ दर्शन करेंगी.
पूजन का शुभ मुहूर्त
- शाम – 7.45 बजे से 9.02 बजे तक
- मुहूर्त काल – एक घंटा 18 मिनट
- चंद्रोदय व अर्घ्य का समय :रात्रि 09: 02 बजे से