लाइव सिटीज, पटना: लोक आस्था का महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ शुक्रवार से प्रारंभ हो गया है. शनिवार को छठव्रती खरना करेंगे। रविवार को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को छठ महापर्व का पहला अर्घ्य दिया जाएगा. पटना सहित बिहार के तमाम शहरों में व्रती गंगा सहित अन्य नदियों, तालाबों, नहरों और जलाशयों के किनारे भगवान सूर्य को अर्घ्य देंगे.
इस बार गंगा का जलस्तर कुछ बढ़ा हुआ है और कई घाट खतरनाक भी घोषित कर दिए गए हैं लेकिन बावजूद इसके इस बार सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र बन रहा है जेपी गंगा पथ यानी पटना मरीन ड्राइव. ये छठ घाट लोगों को बेहद आकर्षित कर रहे हैं. मरीन ड्राइव बनने के बाद पहली बार जेपी-गंगा पथ पर गंगा किनारे छठ पर्व होने जा रहा है.
इसे लेकर पटना जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर रखी है ताकि हजारों की संख्या में छठ व्रती जब इन घाटों पर आएं तो उन्हें किसी भी तरह की कोई समस्या ना हो. मरीन ड्राइव के किनारे लगभग 12 गंगा घाट बनाए गए है जहां पटना के कई इलाकों के लोगों के लिये पहुंचना बेहद आसान होगा. खगौल और फुलवारी शरीफ के लोग एलिवेटेड रोड के जरिए इन घाटों पर पहुंच सकते हैं, वहीं बेली रोड और अटल पथ से जुड़े लोग भी आसानी से पहुंच सकते हैं.
कंकड़बाग, बाकरगंज, गांधी मैदान, स्टेशन से जुड़े इलाके के लोग भी जेपी सेतु पथ के किनारे बने घाट पर पहुंच सकते हैं. अब जरा ये भी जान लीजिए कि मरीन ड्राइव से सटे कौन-कौन से छठ घाट प्रशासन ने बनाए हैं. शिवा पाटी पुल, मीनार घाट, बिंद टोली घाट, दीघा 93, 88, 83, बालु पर, कुर्जी, एलसीटी, राजापुर पुल और पहलवान घाट हैं. दीघा 93 घाट के सामने जेपी गंगा सेतु को पार करके गंगा की तरफ उतरने का रास्ता बनाया गया है ताकि लोग गंगा किनारे पहुंच सकें.