लाइव सिटीज, पटना: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से बाहर होने के बाद जदयू और भाजपा आमने-सामने हैं. खासकर जदयू अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी का एक दूसरे पर वार-पटलवार जारी है.बीते दिनों लालू-नीतीश की सोनिया से मुलाकात के बाद सुशील मोदी ने तंज कसा था. इसपर मंगलवार को जदयू अध्यक्ष ने पलटवार किया है.
ललन ने कहा कि सुशील मोदी की खबर मैंने देखी, जिसमें आप बता रहे हैं कि नीतीश को सोनिया गांधी छोड़ने आयीं या नहीं। उनके साथ फोटो शेयर किया या नहीं. लगता है आज तक आप छात्र नेता से राजनेता बन ही नहीं पाए. खैर हम लोग तो चाहते थे कि तिरस्कृत की बजाय आपकी कुछ प्रोन्नति हो जाए. लेकिन सुन रहे हैं कि आपकी पदावनति हो रही है, फिर से आपको प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा रहा है. जो कि आप 15 साल पहले थे। वाकई आप दया के ही पात्र हैं…!
पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने सोमवार को कहा था कि कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश का तिरस्कार किया. इन दोनों को राष्ट्रीय राजनीति में अपनी हैसियत समझ में आ गई होगी. झेंप मिटाने के लिए लालू-नीतीश ने हवा में उठे हाथ मिलाते हुए अपनी तस्वीर जारी की. सुशील मोदी के मुताबिक सोनिया ने दोनों नेताओं से महज 20 मिनट बातचीत की. साथ में फोटोग्राफी भी नहीं हुई. यहां तक कि सोनिया इन्हें दरवाजे तक छोड़ने भी नहीं आईं.
उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस नीतीश कुमार की लाइन का समर्थन करती, तो पार्टी राहुल गांधी को प्रोजेक्ट करने वाली “भारत जोड़ो यात्रा” क्यों जारी रखती. सुशील मोदी ने कहा कि हरियाणा के फतेहाबाद की विपक्षी एकता रैली में आमंत्रित 17 शीर्ष नेताओं में से केवल पांच का शामिल होना और सोनिया के दरवाजे पर लालू-नीतीश का तिरस्कृत होने से पता चलता है कि 2024 के संसदीय चुनाव में ढेर सारे पीएम मैटेरियल का क्या हश्र होने वाला है.