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बिहार के प्रमुख शहरों में चंद्र ग्रहण का समय जानिए, क्या करें और विभिन्न राशियों पर प्रभाव भी जानें

लाइव सिटीज, सेंट्रल डेस्क: कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा मंगलवार 8 नवंबर को भरनी नक्षत्र में मेष राशि में चंद्र ग्रहण लगेगा. यह साल का अंतिम चंद्रग्रहण होगा. बिहार में यह ग्रहण शाम 4:59 से 6:20 तक दिखे देखा जा सकेगा. इससे 9 घंटे पहले सूतक लग जाएगा इस अवधि में मंदिरों का के पट बंद रहेंगे और भगवान का दर्शन पूजन विधि रहेगा. विभिन्न शहरों में चंद्र ग्रहण के अलग-अलग समय हैं. आइये बिहार के विभिन्न प्रमुख शहरों में कब से चंद्र ग्रहण आरंभ होगा.

पटना में चंद्र ग्रहण शाम 5 बजकर 5 मिनट से शुरू होगा और शाम 6 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगा. दरभंगा में यह चंद्रग्रहण शाम 4 बजकर 59 पर प्रारंभ होगा और 6 बजकर 20 पर समाप्त होगा. इसी प्रकार गया में 5 बजकर 3 मिनट से, मुजफ्फरपुर में 4 बजकर 59 मिनट से, भागलपुर में 4 बजकर 53 मिनट से चंद्र ग्रहण आरंभ होगा. वहीं मोक्ष काल 6.20 मिनट पर बताया गया है.

बता दें कि भारतीय सनातन धर्म परंपरा में चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व है. भारतीय ऋषियों ने चंद्रमा सूर्य ग्रहण को खगोलीय वैज्ञानिक कारण सदियों पहले से प्रमाणित किए हैं जो आज भी प्रत्यक्ष हैं. खगोलीय घटना के साथ धर्म से भी जुड़ा है चंद्र ग्रहण में ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है. सूतक के समय देवताओं का स्पर्श पूजन आदि निषेध माना गया है. इसीलिए सूतक के समय मंदिरों के द्वार बंद रहेंगे सभी खाद्य पदार्थ पर लोग तुलसी या कुछ रखकर पवित्र करेंगे.

ग्रहण के समय अपने-अपने ईष्ट देव का स्मरण करने से ग्रहण के कुप्रभाव से मुक्ति मिलती है. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, कार्तिक महीने में दो ग्रहण सूर्य ग्रहण सूर्य ग्रहण और चंद्र अब लगने वाले चंद्र ग्रहण चंद्र ग्रहण बिहार के लिए राजनीतिक दृष्टिकोण से उछल का कार्य करेगा. शासकीय व्यक्तियों को परेशानी रहेगी और संघर्षों का सामना करना पड़ेगा.
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए. साथ ही उनके सिर से लेकर पांव तक एक धागा से नाप कर कोने में रखना चाहिए. इससे ग्रहण का कुप्रभाव बच्चे पर नहीं पड़ता. बालवीर दीवार योगी व्यक्तियों के लिए ग्रहण काल के समय नियम से धर्म शास्त्रों में छूट दी है. ग्रहण काल में भोजन, गाय दूध निकालना, खेत की जुताई, लकड़ी काटना, केस व नाखून काटना, मल-मूत्र त्याग करना आदि निषेध माना गया है.

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