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बिना डिग्री के ही बन गए BPSC शिक्षक,शिक्षा विभाग ने उठाया सख्त कदम..

लाइव सिटीज, पटना: शिक्षक भर्ती परीक्षा के दौरान गलत जानकारी देने या फर्जीवाड़ा करने वाले नवनियुक्त शिक्षकों को खिलाफ बिहार लोक सेवा आयोग(BPSC)लगातार कार्रवाई कर रही है.इस कड़ी में 59 नवनियुक्त शिक्षकों का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है और बीपीएससी ने कार्रवाई शुरू कर दी है.

इसके लिए बीपीएससी ने 59 नवनियुक्त शिक्षकों से 15 दिन के अंदर स्पष्टीकरण देने को कहा है और फर्जीवाड़ा करने के आरोप में 5 साल तक के लिए परीक्षा देने से वंचित करने की बात कही है.बीपीएससी के इस आदेश के बाद फर्जीवाड़ा करने वाले नवनियुक्त शिक्षकों के बीच हड़कंच मचा हुआ है.

बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक ने नोटिस जारी करते हुए लिखा है कि विज्ञापन संख्या 26.2023 के अन्तर्गत शिक्षक भर्ती परीक्षा में कुल 59 अभ्यर्थी अपने-अपने आवेदन पत्र में अपने प्रमाण पत्रों के संबंध में गलत सूचना देते हुए परीक्षा में सम्मिलित हुए तथा अंतिम रूप से चयनित भी हुए.उक्त चयनित और अनुशंसित सूची आलोक में शिक्षा विभाग के द्वारा आपके योगदान हेतु प्रमाणपत्रों की की जांच में पाया गया कि 59 अभ्यर्थी समुचित प्रामाण पत्र धारण नहीं करते हैं या अभ्यर्थी विज्ञापन में दिए गए अन्य शर्तों को पूर्ण नहीं करते हैं. इन्हौने अपने आवेदन पत्र में घोषणा के साथ गलतबयानी,फर्जी सूचनाएं दी है.यानी पर्याप्त प्रमाण पत्र नहीं रहने के बाद भी जान-बूझकर गलत सूचना देने,साक्ष्य को छुपाने,गलत सूचना पर सरकारी सेवा में प्रवेश करने की कुचेष्टा करने का प्रयास किया है,जो कदाचार एवं अपराध की श्रेणी में आता है.इसके लिए ये सभी 59 नवनियुक्त शिक्षक सीधे-सीधे दोषी है.

अत: इस सूचना के माध्यम से सभी 59 को सूचित किया जाता है कि सूचना प्रकाशन की तिथि से 15 दिन के अंदर आयोग के वेबसाइट पर अपना स्पष्टीकरण दें कि क्यों नहीं आपके कृत्य के लिए आपको अगले 5 बर्षों तक परीक्षा से Debarred किया जाय.दिनांक 30 नवंबर 2023 तक यदि स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं होता है तो ये समझा जायेगा कि आपको अपने बचाव में कुछ नहीं कहना है .आपके विरूद्ध आयोग निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगा.

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