लाइव सिटीज, पटना: आज 4 दिवसीय छठ का समापनहो गया है. छठ घाटों पर सुबह-सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया गया. इसके साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास पूरा हो गया. छठी मइया के लिए बनाए गए खास ठेकुआ और प्रसाद को लोगों में बांटा गया. छठ पर्व के अंतिम दिन भक्त प्रसिद्ध छठी मईया के गीत गाते हुए घाट पर पहुंचे थे. रात्रि में संगीत के साथ कोसी भरी गई
राजधानी पटना में सुबह 06:10 बजे सूर्योदय का समय था. गया में 06:09 बजे, भागलपुर में 06:02 बजे, पूर्णिया में 06:01 बजे, मुजफ्फरपुर में 06:10 बजे, दरभंगा में 06:08 बजे, पूर्वी चंपारण में 06:13 बजे, पश्चिम चंपारण में 06:15 बजे, बांका में 06:02 बजे, कटिहार में 06:00 बजे, मधेपुरा में 06:04 बजे, बक्सर में 06:15 बजे, सिवान में 06.14 बजे, अरवल में 06:11 बजे, मुंगेर में 06: 04 बजे, लखीसराय में 06:05 बजे, भभुआ में 06:15 बजे, औरंगाबाद में 06:12 बजे, समस्तीपुर में 06:08 बजे, दरभंगा में 06: 08 बजे, मधुबनी में 06:08 बजे और किशनगंज में सुबह 06:00 बजे सूर्योदय का समय था
छठ व्रत एक कठिन तप वाला व्रत माना जाता है. इस व्रत में चार दिवसीय अनुष्ठान होता है, जिसमें पहले दिन दाल-चावल और कद्दू की सब्जी का भोग लगता है और छठ व्रती उसे ग्रहण करते हैं. उसके बाद दूसरे दिन खरना होता है, जिसमें साठी-चावल की खीर रोटी और केले का प्रसाद बनाया जाता है और छठ व्रतियों के द्वारा इस प्रसाद को ग्रहण किया जाता है. उसके बाद इस प्रसाद का लोगों में वितरण किया जाता है. खरना के बाद छठ व्रतियों के द्वारा 36 घंटे का निर्जला उपवास रखा जाता है.
खरना के अगले दिन षष्टी को शाम के समय अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया जाता है, जबकि उसके अगले दिन सप्तमी को उदीयमान भगवान भास्कर को दूसरा अर्घ्य दिया आता है. इसी के साथ चार दिवसीय छठ पर्व का समापन हो जाता है.