लाइव सिटीज , पटना : बिहार में वीसी की नियुक्तिको लेकर राजभवन और राज्य सरकार के बीच खींचा तानी चल रहा था. वहीं भाजपा महागठबंधन सरकार पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर के अपमान का आरोप लगा रही थी . इसी बिच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मुलाकात कर कोई विवाद नहीं होने जानकारी दी. जिसके 48 घंटो बाद ही बिहार में पांच विश्वविद्यालयों में वीसी नियुक्त करने के विज्ञापन को सरकार ने वापस ले लिया है. जिससे यह बात साफ हो गई है कि अब कुलपतियों की नियुक्त का अधिकार राज्यपाल के पास ही है और वही नियुक्ति करेंगे .
बता दें कि नीतीश कुमार से जब पूछा गया कि राजभवन और राज्य सरकार के बीच विवाद चल रहा है, तो नीतीश कुमार ने इससे इंकार कर दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि राजभवन के साथ कोई टकराव नहीं है . शिक्षा को लेकर सभी मिलकर काम कर रहे हैं . वहीं अब विज्ञापन वापस लेने के बाद इन तमाम कयासों पर विराम लग गया है . हालांकि राज्य सरकार और राजभवन की इस जंग में राजभवन की जीत हुई है.
दरअसल बिहार के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति के लिए राजभवन के बाद सरकार की ओर से विज्ञप्ति निकालने को लेकर विवाद चल रहा था. जिसके बाद नीतीश कुमार ने बुधवार को शाम पांच बजे राज्यपाल से राजभवन में जाकर मुलाकात की थी. इस दौरान राजभवन की ओर से राज्यपाल व कुलाधिपति के अधिकार क्षेत्र में शिक्षा विभाग द्वारा किए जा रहे हस्तक्षेप, बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी के कुलपति और प्रतिकुलपति के वेतन बंद करने के मामले के साथ ही उनके वित्तीय अधिकार को रोकने और विश्वविद्यालय के बैंक खातों को फ्रीज करने संबंधित आदेशों की जानकारी नीतीश कुमार को दी . हालांकि इस 15 मिनट की भेंट के बाद राजभवन सचिवालय की ओर से एक विज्ञप्ति जारी की गई .