लाइव सिटीज पटना: बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार को ‘मिट्टी’ में मिला देंगे वाले बयान पर सफाई दी है. शनिवार को दिए अपने बयान पर सफाई देते हुए रविवार को सम्राट चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री का ‘राजनीतिक तौर पर’ के शब्द का अर्थ नहीं समझना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि 2014 में नीतीश कुमार ने खुद कहा था कि मिट्टी में मिल जाऊंगा पर बीजेपी के साथ नहीं जाऊंगा. 2017 में उन्होंने खुद बीजेपी के साथ सरकार बनायी थी.
सम्राट चौधरी ने कहा कि कभी भाजपा को खत्म कर देने का संकल्प लेने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनकी कोई व्यक्तिगत लड़ाई-झगड़ा न थी और न है. उनकी लड़ाई सिद्धांत व विचारधारा से है. अपने कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि सिद्धांत व नीतिविहीन राजनीति करने वाले नीतीश कुमार को ‘राजनीतिक तौर पर मिट्टी में मिलाने’ का वे कमिटमेंट करें. मगर मुख्यमंत्री उनके बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर अपनी राजनीतिक हताशा व निराशा को दर्शा रहे हैं.
सम्राट चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 19 फरवरी, 2014 को दिए गए अपने उस बयान का याद करना चाहिए, जब उन्होंने कहा था कि रहे या मिट्टी में मिल जाए, अब भाजपा के साथ जाना संभव नहीं है. यह अलग बात है कि अपनी पलटीमार राजनीति के तहत 2017 में एक बार फिर उन्होंने पलटी मारी और भाजपा के साथ आ गए. अब जब भाजपा के दरवाजे उनके लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने इसकी घोषणा कर दी है तो अब यह बिलकुल स्पष्ट है कि भाजपा उन्हें किसी भी स्थिति में स्वीकार करने वाली नहीं है.
बता दें कि शनिवार को BJP प्रदेश कार्यालय में भामाशाह जयंती समारोह को संबोधित करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा था कि जिस तरह उत्तर प्रदेश में सरकार आतंवादियों और माफियाओं को मिट्टी में मिला रही है उसी तरह अगले चुनावों में नीतीश को राजनीति रूप् से मिट्टी में मिला देने का संकल्प लेना है. वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के “मिट्टी में मिला देंगे” वाले बयान पर मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि उनको कहिए न कि करा दीजिए. कौन रोक रहा है? जो इस तरह के शब्दों का प्रयोग करता है तो समझ लीजिए कि बुद्धि नहीं है. जो मन करे वह कर लें.