भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी 2023 का रिजल्ट आ गया है. देश भर में 1016 अभ्यर्थियों को सफलता हाथ लगी है. बात करें बिहार की तो बिहार से अब तक जानकारी के अनुसार 23 छात्रों ने अपना परचम बुलंद किया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिहार कभी देश भर में सबसे ज्यादा यूपीएससी में रिजल्ट देता था. इस बार पिछले साल के मुकाबले आंकड़ों में कमी आई है, तो क्या पिछले कुछ दिनों में बिहार के छात्रों का दबदबा कम हुआ है? चलिए आंकड़ों के माध्यम से जानते हैं.
2022 में 29 बिहारी अभ्यर्थी सफल हुए
यूपीएससी 2022 में देश भर में 933 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था. जिसमें बिहार के छात्रों की संख्या भी अच्छी खासी थी. बिहार के बक्सर की रहने वाली गरीमा लोहिया को देश भर में 2ND स्थान हासिल हुआ था. टॉप 10 में बिहार के 3 छात्र थे. पटना के राहुल श्रीवास्तव को 10 वां स्थान हासिल हुआ था. जबकी देश भर में टॉप करने वाली ईशीता किशोर भी मुल रूप से पटना की हैं.बिहार से कुल 29 युवाओं ने यूपीएससी 2022 में सफलता हसिल की थी.
2021 में 50 से अधिक अभ्यर्थियों ने सफलता हासिल की…
पिछले कुछ सालों में बिहार के युवाओं के लिए साल 2021 काफी अच्छा रहा था. बिहार के 50 से अधिक छात्र- छात्राओं ने साल 2021 में सफलता हासिल की थी. बिहार के मधेपुरा की रहने वाली अंकिता को देश भर में दुसरा स्थान हासिल हुआ था. जबकी मोतीहारी के शुभंकर पाठक को 11 वां रैंक हासिल हुआ था. टॉप 20 में बिहार के 3 अभ्यर्थियों ने बाजी मारी थी.
1997- 2006 के बीच 108 IAS
बिहार के अभ्यर्थियों के लिए साल 1997-2006 के बीच थोड़ा कठिन रहा था. इस दौरान देश भर में 1588 आईएएस बने जिसमें बिहार के 108 अभ्यर्थियों ने सफलता हासिल की थी. 2011 में यूपीएससी की परीक्षा के पैटर्न में बदलाव हुआ. अंग्रेजी भाषा को अनिवार्य और सीसैट को लागू कर दिया गया. जिसके बाद बिहार के छात्रों का अचानक संख्या कम होने लगी. हालांकि बाद में धीरे धीरे इसमें भी सुधार होने लगा.
पिछले 3 साल में सबसे कम संख्या है.
बात पिछले 3 साल की आंकड़ों की करें तो इस साल 2023 में बिहार के सबसे कम युवा सेलेक्ट हुए हैं.साल 2023 में अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार 23 अभ्यर्थी सफल हुए हैं. 2022 में 29 अभ्यर्थी और 2021 में 50 से अधिक बिहार के अभ्यर्थी सफल हुए थे. आंकड़ों के हिसाब से देखें तो यह पिछले 3 साल में सबसे कम है.