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पीएम मोदी गड़बड़ा रहे हैं, 23 जून की मीटिंग से हिल रही दिल्ली की कुर्सी, RJD का बड़ा दावा

लाइव सिटीज पटना: राजधानी पटना में 23 जून को देश के तमाम विपक्षी दलों की बैठक होने जा रही है. इसको लेकर आरजेडी ने बड़ा दावा किया है. पूर्व विधान सभा अध्यक्ष और राजद के कद्दावर नेता उदय नारायण चौधरी ने कहा कि 23 जून की महागठबंधन की मीटिंग से दिल्ली की कुर्सी हिल रही है. साल 2024 के चुनाव में महागठबंधन पूरे बिहार में परचम लहराएगी. उन्होंने कहा कि 23 जून के बाद बात कीजिएगा महागठबंधन क्या हैं. 23 के मीटिंग से जब दिल्ली की कुर्सी हिल रही है, जब मोदी जी गड़बड़ा रहे हैं तो दूसरे की बात क्या कहें.

उदय नारायण चौधरी ने भाजपा नेतृत्व के 9 साल को तबाही और बर्बादी का साल बताया है. उन्होने कहा कि इन 9 साल में महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, हिन्दू-मुस्लिम के बीच में नफरत पैदा करना यही सब तो हुआ. अब इन सभी को समाप्त करने का समय आ गया है. राजद नेता ने कहा कि किनकी क्या तैयारी है मुझे नहीं मालूम समय आएगा अपने आप सब पता चल जाऐगा. आंधी जब चलती है तो कुछ सूखा पत्ता टूटकर गिर जाता है. आंधी कमजोर नहीं होती. आती है और आगे बढ़ती जाती है. महागठबंधन पूरी मजबूती से बिहार सहित पूरे देश में आगे बढ़ेगा. नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में देश से साम्प्रदायिक ताकतों को खत्म करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा.

वहीं जीतन राम मांझी के महागठबंधन से अलग होने पर उदय नारायण चौधरी ने कहा कि आंधी जब चलती है तब पेड़ से कई सूखे पत्ते टूट कर गिरते हैं तो क्या आंधी अपना रास्ते बदल लेती है, वह कमजोर नहीं हो जाती है. उसी तरह महागठबंधन में कोई रहे या चला जाए, इससे कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. मांझी महागठबंधन को छोड़कर क्यों गए ये तो वही बता सकते हैं. यह उनका निजी मामला है, उनसे पूछ लीजिए.

राजद नेता ने कहा कि लोग आते और जाते रहते हैं. अब वो अपना कसम तोड़ चुके तो जहां जाना है जाएं. उनको पूरी आजादी है. महागठबंधन दल पूरे देश और बिहार में तेजी से आगे बढ़ रहा है. इसकी अगुवाई नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव कर रहे हैं. महागठबंधन देश में सांप्रदायिक ताकतों को समाप्त करने में अग्रणी भूमिका निभाएगी. वहीं उदय नारायण चौधरी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि नौ साल देश की बर्बादी और तबाही का साल रहा, बेरोजगारी का साल रहा, महंगाई का साल रहा, हिंदू और मुसलमान के बीच नफरत फैलाने का साल रहा, उसको समाप्त करने का समय आ गया है.

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