लाइव सिटीज पटना: बिहार में सियासी इफ्तार का दौर शुरू हो गया है. 7 अप्रैल को सीएम नीतीश कुमार खुद अपने आवास पर इफ्तार पार्टी दे रहे हैं. वहीं 13 अप्रैल को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास 10 सर्कुलर रोड पटना में दावत-ए-इफ्तार का आयोजन किया जाएगा. इस अवसर पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, वन पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव और सांसद मीसा भारती रहेंगी. इसको लेकर सियासी गलियारे में खिचड़ी पकनी शुरू हो गई है. क्योंकि पिछले साल इफ्तार पार्टी में बिहार का सियासी समीकरण बदल गया था.
दरअसल राजद की ओर से 13 अप्रैल को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर दावत-ए-इफ्तार का आयोजन किया जाएगा. जहां बिहार के कई राजनीतिक दिग्गज पहुंचेंगे. हालांकि इस बार भी इफ्तार पार्टी राजद सुप्रीमो लालू यादव की गैर मौजूदगी में होगी. पिछले साल राबड़ी आवास पर हुई इफ्तार पार्टी के बाद बिहार का सियासी समीकरण बदल गया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 5 साल बाद राबड़ी आवास पर पार्टी में पहुंचे थे. इसके बाद उन्होंने बीजेपी का साथ छोड़ महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बनाई थी.
वहीं 7 अप्रैल को सीएम नीतीश कुमार खुद अपने आवास पर इफ्तार पार्टी दे रहे हैं. 8 अप्रैल को जदयू हज भवन में इफ्तार पार्टी देगी. जीतन राम मांझी भी अगले सप्ताह इफ्तार पार्टी का आयोजन कर सकते हैं. पिछले साल इफ्तार पार्टी में ही बिहार में राजनीतिक बदलाव की शुरुआत हुई थी. नीतीश कुमार बीजेपी को छोड़कर तेजस्वी यादव के साथ आ गए थे. वहीं 2024 का चुनाव अगले साल होना है, ऐसे में इस बार इफ्तार के बहाने कई नेता मैसेज देने की कोशिश भी करेंगे.
बता दें कि बिहार में पिछले साल नीतीश कुमार ने लालू परिवार के इफ्तार पार्टी में पहुंचकर हलचल मचा दी थी. सीएम 5 साल बाद राबड़ी आवास पर पार्टी में पहुंचे थे. जबकि तेजस्वी यादव भी जदयू के इफ्तार पार्टी में शामिल हुए और वहीं से बिहार में महागठबंधन आकार लेने लगा. एक डेढ़ महीने में ही बिहार में सरकार बदल गयी. पहले भी इफ्तार के बहाने नेताओं के दलबदल के संकेत मिलते रहे हैं. हालांकि अगले साल लोकसभा का चुनाव भी होना है. ऐसे में इस बार सियासी इफ्तार का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है.