लाइव सिटीज, पटना: विधानसभा क्षेत्र के बसंतपुर प्रखंड अंतर्गत सातनपट्टी पंचायत में क्षेत्र भ्रमण कार्यक्रम के दौरान विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पनोरमा ग्रुप के प्रबंध निदेशक संजीव मिश्रा ने एक अहम बयान में कहा कि बीते दो दशकों में छातापुर का अपेक्षित विकास नहीं हो सका है।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “छातापुर आज भी बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और पलायन जैसी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। कोई ठोस वैकल्पिक व्यवस्था न होने से लोग लगातार छातापुर से बाहर पलायन करने को मजबूर हैं।“
मिश्रा ने छातापुर विधानसभा क्षेत्र को “नेता विहीन” करार देते हुए कहा कि यहाँ के जनप्रतिनिधि ने जनता की भावनाओं और जरूरतों को पूरी तरह नजरअंदाज किया है। उन्होंने वर्तमान विधायक श्री नीरज कुमार सिंह बब्लू पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि छातापुर के वर्तमान विधायक ने बीते दस वर्षों में जिस तेज़ी से अकूत संपत्ति अर्जित की है, उसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। इतनी जल्दी इतनी बड़ी दौलत कहां से आई? जनता जानना चाहती है।“
उन्होंने सवाल उठाया कि लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा संचालित हर घर नल-जल योजना में एक ही ठेकेदार को बार-बार टेंडर कैसे दिया गया, यह भी जांच का विषय है।
मिश्रा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व इन सभी गड़बड़ियों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए।
संजीव मिश्रा ने कहा कि छातापुर में भ्रष्टाचार को शह देने का काम विधायक ने खुद किया है। नल-जल योजना, सड़क निर्माण, सरकारी अनुदान, आवास योजना समेत हर योजना में अनियमितता और कमीशनखोरी व्याप्त है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जनता अब सब जान चुकी है और आने वाले विधानसभा चुनाव में इन भ्रष्ट नेताओं को जवाब जरूर देगी। अब समय आ गया है कि जनता खुद अपना नेतृत्व तय करे और ऐसे नेतृत्व को आगे लाए जो सच में विकास के लिए समर्पित हो।”
मिश्रा ने बताया कि यथासंभव काउंसिल के माध्यम से वे पिछले कुछ वर्षों से लगातार शिक्षा, स्वास्थ्य और जनकल्याण के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। गरीब मेधावी छात्रों को प्रोत्साहन राशि, गांवों में स्वास्थ्य शिविर, युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट की पहल – ये सभी कार्य छातापुर के विकास के संकल्प का हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा कि छातापुर को अब एक मजबूत, ईमानदार और दूरदर्शी नेतृत्व की जरूरत है, न कि ऐसे नेताओं की जो सिर्फ अपनी संपत्ति और स्वार्थ की चिंता करें।”