लाइव सिटीज पटना: देश की नई संसद के उद्धाटन को लेकर विपक्ष का विरोध जारी है. आरजेडी-जदयू समेत देशभर की 19 सियासी दलों ने संयुक्त रूप से उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला लिया है. वहीं बीजेपी बिहार विधान सभा में बड़ा आंदोलन कर रही है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के तमाम विधायक और एमएलसी शुक्रवार को बिहार विधान मंडल के परिसर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने एक बार फिर से कहा है कि राष्ट्रपति के हाथों संसद भवन का उद्धाटन नहीं करवाना गलत है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी इतिहास बदलने की कोशिश कर रही है.
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन कार्यक्रम का सारे विपक्ष के दल विरोध कर रहे हैं. इसमें अगर कोई भाजपा का समर्थन भी कर रहा है तो वो नॉर्थ ईस्ट के कुछ दल हैं जो आज सरकार बदल जाए तो कल दूसरी तरफ जाकर बैठ जाएंगे. इस देश में मुखेर कानून चल रहा है. जो मोदी जी बोल दिया वही कानून बन गया. इसके आगे नए संसद भवन का उद्घाटन कार्यक्रम में नवीन पटनायक के तरफ से भाजपा के समर्थन करने को लेकर ललन सिंह ने कहा कि उनकी अपनी सोच है इसमें हमारा कोई किसी पर दबाव नहीं है.
ललन सिंह ने कहा कि जब भाजपा में अटल जी और आडवाणी जी थे तो यह पार्टी दूसरी पार्टी थी. यह लोग लोकतंत्र में विश्वास करते थे और अपने सहयोगी के प्रति सम्मान का भाव रखते थे. लेकिन, जब से इस पार्टी में नरेंद्र मोदी आए हैं तब से तानाशाही का भाव झलकता है. भाजपा अहंकार में डूबी हुई है. इसी अहंकार में देश के लोकतांत्रिक व्यवस्था को समाप्त करने पर तुले हुए हैं. आज देश की कोई भी एक ऐसी संस्था नहीं है जो निष्पक्ष तरीके से काम करें.
बता दें कि राजद-जदयू और कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जगह पीएम मोदी द्वारा नई संसद के उद्घाटन पर आपत्ति जताई है. विपक्ष की आपत्ति है कि नई संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए ना कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को. इस अवसर पर नई संसद भवन के निर्माण में लगे 60 हजार श्रमयोगियों को सम्मानित किया जाएगा. उद्घाटन समारोह की जानकारी देते हुए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नई संसद भवन का निर्माण पीएम नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता का प्रमाण है.नया संसद भवन रिकार्ड समय मे बना है.