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अशोक चौधरी ने कहा-पिछले दो दशकों में सीएम नीतीश ने बिहार को उसके गौरवशाली अतीत से जोड़ते हुए आधुनिक विकास के पथ पर अग्रसर किया

लाइव सिटीज, पटना: ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री अशोक चौधरी ने आज भोजपुर जिला के तरारी विधानसभा तथा बड़हरा विधानसभा में आयोजित जनसंवाद को संबोधित करते हुए कहा कि “बिहार की यह पावन धरती विश्व को राजधर्म, नीति और ज्ञान का नेतृत्व देने वाली रही है। बिहारवासी सदैव कौशल, मेधा और साहस के प्रतीक रहे हैं, पर 2005 से पहले निजी स्वार्थ, संकीर्ण जातिवाद और सांप्रदायिक उन्माद ने इसी गौरवभूमि को अराजकता, भय और ठहराव में धकेल दिया-पहचान धुंधलाई, स्वाभिमान आहत हुआ। ऐसे निर्णायक समय में 2005 में जनता ने अपार विश्वास के साथ हमारे यशश्वी नेता, मुख्यमंत्री, बिहार नीतीश कुमार को इस प्रदेश की बागडोर सौंपी और यहीं से एक नए युग का शंखनाद हुआ-यह महज़ सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि बिहार की अस्मिता, स्वाभिमान और अनंत संभावनाओं की पुनर्स्थापना का अटल संकल्प था।”

अशोक चौधरी ने कहा कि पिछले दो दशकों में सीएम नीतीश ने बिहार को उसके गौरवशाली अतीत से जोड़ते हुए आधुनिक विकास के पथ पर अग्रसर किया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि राज्य के लोगों की प्रतिभा को पहचान मिले, उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर किया जाए और बिहार को एक समावेशी, सशक्त और तेज़ी से विकसित राज्य के रूप में पुनः स्थापित किया जाए। योजनाओं की परिकल्पना से लेकर उनकी प्रभावी क्रियान्वयन तक माननीय नेता नीतीश कुमार का नेतृत्व हर दिन, हर क्षण जनकल्याण और बिहार की प्रगति के लिए समर्पित रहा है।

नीतीश कुमार की दूरदर्शी सोच ने शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का साधन बनाया है। वर्ष 2005 में जहाँ 10.5% बच्चे स्कूल छोड़ देते थे, आज यह आंकड़ा घटकर 1% से भी कम हो चुका है। विशेषकर महादलित, अल्पसंख्यक और अतिपिछड़े वर्ग के बच्चों को तालीमी मरकज़ और टोला सेवक के माध्यम से मुख्यधारा से जोड़ा गया। बालिका पोशाक योजना और साइकिल योजना जैसी क्रांतिकारी पहलों ने लाखों बच्चियों को स्कूल लौटाया और उन्हें आत्मनिर्भरता की राह दिखाई। वर्ष 2005 में जहाँ मैट्रिक परीक्षा में मात्र 4 लाख विद्यार्थी सम्मिलित होते थे, आज यह संख्या 18 लाख को पार कर चुकी है, जिनमें 8.5 लाख बेटियाँ हैं यह नारी सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण है।

साथ ही आगे पढने के लिए नेता ने बिहार की बेटियों को दसवीं पास करने पर दस हज़ार रूपये, बारहवीं पास करने पर पंद्रह हज़ार रूपये तथा स्नातक उत्तीर्ण करने पर पचास हज़ार देने का प्रावधान किया।

जनसंवाद के दौरान चौधरी ने मुख्यमंत्री द्वारा हाल में कार्यारम्भ किये गए ग्रामीण कार्य विभाग की सीवान जिले की योजनाओं पर चर्चा करते हुए बताया कि “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में बिहार सरकार ग्रामीण आधारभूत संरचना को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में भोजपुर ज़िले के सभी सात विधानसभा क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 380 सड़कों (750.91 किमी) और 15 पुल, जिनकी कुल लागत ₹733.92 करोड़ है, की स्वीकृतियाँ प्रदान की गई हैं।”

श्री चौधरी ने कहा कि यही वह नेतृत्व है जिसने अराजकता, हिंसा और पिछड़ेपन में उलझे बिहार को विकास, सुशासन और आत्मनिर्भरता की रोशनी में खड़ा किया। “न्याय के साथ विकास”, सामाजिक समरसता और सबको साथ लेकर चलने की नीति ने बिहार को नई पहचान दी है। बिजली, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग हर क्षेत्र में आया ठोस बदलाव उनकी दूरदृ‌ष्टि और अडिग संकल्प का प्रमाण है।

उन्होंने जनसमुदाय से आह्वान किया, “अब ज़िम्मेदारी हमारी है कि इस प्रगति की रफ़्तार थमे नहीं-और तेज़ हो। मैं भोजपुर की जनता से आग्रह करता हूँ कि आने वाले विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर, अपने-अपने वोट से इस विकास और सम्मान की राह को और मजबूत करें। आइए, हम सब मिलकर नीतीश कुमार जी के हाथों को सशक्त करें, ताकि बिहार का हर गाँव, हर गली और हर घर विकास व खुशहाली की नई कहानी लिख सके।”

कार्यक्रम में मंत्री अशोक चौधरी के साथ मंत्रिमंडल की सम्मानित साथी लेशी सिंह , मदन सहनी, जमा खान सुमित कुमार सिंह, पूर्व विधायक सुनील पांडेय, प्रभुनाथ राम, बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के सदस्य सायण कुणाल, तरारी विधायक विशाल पांडेय, एमएलसी राधाचरण शाह, बड़हरा विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह, राज्य नागरिक परिषद के महासचिव अरविन्द कुमार उर्फ छोटू सिंह जी तथा 20 सूत्री प्रखंड अध्यक्ष दुर्गा पटेल जी सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।

जनसंवाद कार्यक्रमों के उपरांत मंत्री अशोक चौधरी जहानाबाद भी गए, जहाँ उन्होंने आगामी 22 अगस्त को मगध विश्वविद्यालय परिसर, बोधगया में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित कार्यक्रम की सफलता हेतु जहानाबाद ज़िले के एन.डी.ए. कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की।

भोजपुर ज़िले के लिए स्वीकृत सड़कों/पुलों का विवरण इस प्रकार है-

अगिआँव में 2024-25 में मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम (RRSMP) के तहत 74 सड़कें (146.99 किमी; कुल लागत ₹129.57 करोड़) और मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना (MGSY) के अंतर्गत 4 पुल (₹7.67 करोड़) स्वीकृत हैं, 2025-26 में RRSMP के तहत 4 सड़कें (19.76 किमी; ₹18.78 करोड़) तथा मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष) MMGSY (अवशेष) के तहत 5 सड़कें (12.42 किमी; ₹14.10 करोड़) स्वीकृत हैं; कुल 83 सड़कें (179.17 किमी), 4 पुल, ₹170.12 करोड़।

आरा में 2024-25 में RRSMP के तहत 3 सड़कें (6.95 किमी; ₹7.83 करोड़) और MGSY के अंतर्गत 1 पुल (₹4.76 करोड़) हैं; 2025-26 में RRSMP के तहत 4 सड़कें (6.45 किमी; ₹5.13 करोड़) तथा MMGSY के तहत 2 सड़कें (3.20 किमी; ₹3.58 करोड़) हैं; कुल 9 सड़कें (16.60 किमी), 1 पुल, ₹21.30 अगिआँव में 2024-25 में मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम (RRSMP) के तहत 74 सड़कें (146.99 किमी; कुल लागत ₹129.57 करोड़) और मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना (MGSY) के अंतर्गत 4 पुल (₹7.67 करोड़) स्वीकृत हैं; 2025-26 में RRSMP के तहत 4 सड़कें (19.76 किमी; ₹18.78 करोड़) तथा मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष) MMGSY (अवशेष) के तहत 5 सड़कें (12.42 किमी; ₹14.10 करोड़) स्वीकृत हैं; कुल 83 सड़कें (179.17 किमी), 4 पुल, ₹170.12 करोड़।

आरा में 2024-25 में RRSMP के तहत 3 सड़कें (6.95 किमी; ₹7.83 करोड़) और MGSY के अंतर्गत 1 पुल (₹4.76 करोड़) हैं, 2025-26 में RRSMP के तहत 4 सड़कें (6.45 किमी; ₹5.13 करोड़) तथा MMGSY के तहत 2 सड़कें (3.20 किमी; ₹3.58 करोड़) हैं, कुल 9 सड़कें (16.60 किमी), 1 पुल, ₹21.30 करोड़।

बड़हरा में 2024-25 में RRSMP के तहत 9 सड़कें (20.30 किमी; ₹19.92 करोड़) और MGSY में 2 पुल (₹6.73 करोड़) हैं; 2025-26 में RRSMP के तहत 4 सड़कें (5.75 किमी; ₹4.20 करोड़) तथा MMGSY के तहत 3 सड़कें (4.70 किमी; ₹6.24 करोड़) हैं; कुल 16 सड़कें (30.75 किमी), 2 पुल, ₹37.09 करोड़।

जगदीशपुर में 2024-25 में RRSMP के तहत 68 सड़के (133.73 किमी; ₹128.17 करोड़) और MGSY में 3 पुल (₹2.19 करोड) हैं; 2025-26 में RRSMP के तहत 3 सड़कें (4.65 किमी; ₹3.30 करोड़) तथा MMGSY के तहत 6 सड़कें (13.31 किमी; ₹21.28 करोड़) हैं; कुल 77 सड़कें (151.69 किमी), 3 पुल, ₹154.94 करोड़।

संदेश में 2024-25 में RRSMP के तहत 38 सड़कें (76.45 किमी; ₹81.27 करोड़) और MGSY में 2 पुल (₹7.99 करोड़) हैं, 2025-26 में RRSMP के तहत 4 सड़कें (5.50 किमी; ₹4.59 करोड़) तथा MMGSY के तहत 4 सड़कें (9.80 किमी; ₹10.92 करोड़) हैं; कुल 46 सड़कें (91.75 किमी), 2 पुल, ₹104.77 करोड़।

शाहपुर में 2024-25 में RRSMP के तहत 52 सड़कें (103.04 किमी; ₹91.69 करोड़) और MGSY में 2 पुल (₹4.89 करोड़) हैं; 2025-26 में RRSMP के तहत 2 सड़कें (2.80 किमी; ₹2.33 करोड़) तथा MMGSY के तहत 4 सड़कें (5.56 किमी; ₹16.91 करोड़) हैं; कुल 58 सड़कें (111.40 किमी), 2 पुल, ₹115.81 करोड़।

तरारी में 2024-25 में RRSMP के तहत 76 सड़कें (143.55 किमी; ₹103.98 करोड़) और MGSY में 1 पुल (₹0.41 करोड़) हैं; 2025-26 में MMGSY के तहत 15 सड़कें (26.00 किमी; ₹25.50 करोड़) हैं, कुल 91 सड़कें (169.55 किमी), 1 पुल, ₹129.89 करोड़। पूरे ज़िले का ग्रैंड टोटल 380 सड़कें (750.91 किमी), 15 पुल और ₹733.92 करोड़ है।

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