लाइव सिटीज, पटना: बिहार में कांग्रेस पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने पदभार संभालने के साथ ही पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को एकजुट करने का प्रयास शुरू कर दिया है. अखिलेश सिंह ने कहा की आलाकमान ने मुझे इस योग्य समझा तभी प्रदेश अध्यक्ष बनाया. यह बहुत बड़ा चैलेंज है. बिहार से 32 साल से कांग्रेस पार्टी सत्ता से बाहर है और संगठन में भी कुछ कमजोरियां हैं. हमारे पार्टी का ब्लॉक, गांव और जिला लेवल के नेता कार्यकर्ता और जो राज्य में काम करते हैं मैं सब को आश्वस्त करना चाहता हूं बिना किसी भेदभाव के मैं इस पार्टी को चलाना चाहता हूं. जिसमें सभी जाति धर्म संप्रदाय के लोगों की भागीदारी होगी. इसी को लेकर मै चलना चाहता हूं.
उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी लगातार यात्रा कर रहे हैं. बिहार में भी बांका से गया तक की यात्रा होने वाली है. 28 दिसंबर को यात्रा का प्रारंभ करने जा रहे हैं. बड़ी रैली होगी जिसमें खड़गे साहब आएंगे. मल्लिकार्जुन खड़गे ने सहमति दे दिया है. जिस दिन यह यात्रा पटना पहुंचेगी गांधी मैदान में सोनिया गांधी या प्रियंका गांधी रैली को संबोधित करेंगी. इसका गया में समापन होगा. उस दिन भी बड़ी रैली होगी और उसमें राहुल गांधी समापन समारोह में निश्चित रूप से आएंगे. उन्होंने आगे कहा कि महागठबंधन की सरकार में हमारे दो मंत्री हैं लेकिन हमारे हक के हिसाब से कम हैं. मैं मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मुलाकात कर मांग करूंगा कि हमारी पार्टी के और मंत्री हों.
उन्होंने आगे कहा कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में बड़ी पार्टी आरजेडी, जेडीयू है. वाम दल, कांग्रेस के साथ इनको कोआर्डिनेशन कमेटी बनानी चाहिए अगर ठीक ढंग से सीटों का बंटवारा हो तो बीजेपी के लिए बिहार में कोई जगह नहीं होगी. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी कभी भी कमजोर नहीं है. हमारा लक्ष्य RSS बीजेपी को हराना है. उसके लिए हमें कोई कुर्बानी देनी हो तो हम लोग देते हैं लेकिन हम लोग कमजोर नहीं हैं, कहीं से भी बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस समझौता करती है तो वह कमजोर नहीं है.
अखिलेश सिंह ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री पद का भी फैसला अभी नहीं होना है. प्रधानमंत्री पद का सवाल तब होगा जब हम बीजेपी को केंद्र की सत्ता से दूर करेंगे. उसके बाद कौन पार्टी कितनी संख्या में चुनकर आती है उसके आधार पर जो नए MP चुनकर आयेंगे उनके साथ हम लोग मिल जुलकर PM चुन लेंगे. कौन जानता था 2004 में कि मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बनने वाले हैं.
2015 में पहले भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आए थे. नीतीश कुमार की मैं प्रशंसा करना चाहता हूं. चुनाव के पहले सभी सहयोगी दल के सभी जिला अध्यक्षों को मुख्यमंत्री निवास बुलाया गया और सब से उन्होंने समन्वय स्थापित किया था. अखिलेश सिंह ने अपने पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के सामने ही कहा कि अशोक चौधरी जो प्रदेश अध्यक्ष थे कमिटी बनाए थे वही कमेटी पूर्व में भी रही लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा सभी जगह कमेटी के अध्यक्ष और कमेटी में बदलाव किया जा रहा है और होगा.