लाइव सिटीज, पटना: शराबबंदी कानून को लेकर एक बार फिर से पटना हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है. एक मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इतना तक कह दिया कि शराबबंदी कानून को लागू करने में अधिकारी अपने दिमाग का इस्तेमाल नहीं करते हैं. यही कारण है कि कोर्ट पर केस का बोझ बढ़ता ही जा रहा है. कोर्ट के इस तल्ख बयान से लगता है कि शराबबंदी कानून के तहत बढ़ते मामलों से पटना हाईकोर्ट परेशान हो गया है.
दरअसल शराब बंदी कानून के तहत दर्ज होने वाले मामलों के कारण पटना हाई कोर्ट सहित बिहार के विभिन्न जिलों की अदालत में केसों का अंबार लग गया है. कोर्ट का कहना है कि शराबबंदी कानून के तहत जब्त गाड़ियों को छुड़ाने के लिए हर रोज दायर मामलों की संख्या में वृद्धि हो रही है. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और संजय कुमार की खंडपीठ ने शराबबंदी कानून से जुड़े मामलों पर सुनवाई करते हुए कहा कि हमलोगों को आए दिन इससे परेशानी हो रही है.
पटना हाईकोर्ट ने राज्य के उत्पाद आयुक्त को 2 हफ्ते में रिपोर्ट पेश कर बताने को कहा है कि पिछले 3 महीने में कितने लोगों को शराब बंदी कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है. हर जिले में जब्त हुई गाड़ियां के कितने मामले लंबित हैं. बताते चलें कि शराब बंदी से जुड़े अब तक 128636 केस का ट्रायल हो चुका है.