लाइव सिटीज पटना: दरभंगा एम्स को लेकर केंद्र और बिहार सरकार के बीच घमासान तेज होता जा रहा है. इस मामले पर सियासत तेज है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस बीच जेडीयू नेता और बिहार सरकार में मंत्री संजय झा ने कहा कि बिहार में दूसरा एम्स दरभंगा में ही बनेगा, यह मुख्यमंत्री का फैसला है. वहीं जन अधिकार पार्टी के मुखिया और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कहा कि दरभंगा में एम्स निर्माण पर मोदी सरकार भेदभाव कर रही है.
बिहार सरकार में मंत्री संजय झा ने कहा कि पूरे देश में जहां भी एम्स बना वो अलग जमीन पर बना है. पटना में पीएमसीएच है, आईजीएमएस है. बावजूद इसके एम्स वहां नहीं उससे अलग जमीन पर बना है. दरभंगा में भी एयरपोर्ट है ऐसे में एम्स तो बनना चाहिए. संजय झा ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर अटैक किया. उन्होंने कहा कि ये लोग डीएमसीएच को खत्म करना चाहते हैं. अगर डीएमसीएच में एम्स बनता है तो उसका अस्तिव समाप्त हो जाएगा.
वहीं जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने कहा कि दरभंगा में एम्स निर्माण पर सरकार भेदभाव कर रही है. उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं कि आमलोगों की परेशानी नहीं हो. इस कारण भिन्न भिन्न कारणों से दरभंगा एम्स के निर्माण में बाधा डाल रही है. बिहार सरकार जो भी भूमि एम्स निर्माण के लिए दे रही है उसमें कोई न कोई अड़ंगा लगा कर रिजेक्ट कर दे रही है. इससे इनकी मंशा का अंदाजा लगा सकते हैं. ये केंद्र की सरकार मिथिलांचल के लोगों से धोखा कर रही है. चाहे जिस प्रकार बने लेकिन एम्स को दरभंगा में ही बनना चाहिए.
बता दें कि दरभंगा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का निर्माण करीब तीन साल से जमीन के पेंच में फंसा हुआ है. इसके लिए बिहार से लेकर दिल्ली तक माथापच्ची चल रही है. पहले डीएमसीएच की जमीन एम्स के लिए चिन्हित की गई तो कई तकनीकी कारणों से बिहार सरकार ने एम्स के निर्माण को लेकर डीएमसीएच के बजाय बहादुरपुर के शोभन में जमीन आवंटित की गई. शोभन में निर्माण कार्य के लिए मिट्टी भराई समेत अन्य कार्य शुरू करने के लिए टेंडर हो गया. तब केंद्रीय टीम ने शोभन की जमीन को एम्स के लिए अनुपयुक्त बता दिया. इस चक्कर में एम्स का निर्माण का कार्य टल रहा है. 15 सितंबर, 2020 को केंद्रीय कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दी थी. दरभंगा में एम्स के निर्माण कार्य को 2024 तक पूरा करना था.