लाइव सिटीज, पटना: गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की हत्या में बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई से बिहार की ब्यूरोक्रेसी में खलबली है.रिटायर्ड हो चुके अफसर विरोध में हैं.IAS एसोसिएशन भी विरोध में उतर आया है.वहीं, जी कृष्णैया की पत्नी उमा सदमे में हैं. वह कहती हैं- ऐसा वोट बैंक की राजनीति के लिए किया जा रहा है. पहले दोषी को फांसी की सजा हुई थी, फिर उसे उम्रकैद में बदल दिया गया. अब सरकार उसकी रिहाई करा रही है. ये बिल्कुल सही नहीं है.
वहीं , डीएम जी.कृष्णैया की हत्या के दोषी आनंद मोहन की रिहाई को सही ठहराने के लिए बिहार की सत्ता में साझीदार पार्टी ने तमाम हदें पार कर दी है. RJD के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने आज जी. कृष्णैया को ही अपने मर्डर के लिए जिम्मेवार करार दिया है. शिवानंद तिवारी ने कहा कि जिस दिन जी. कृष्णैया की हत्या हुई वह किसी और रास्ते से जा सकते थे. वह दिन मुजफ्फरपुर के रास्ते से ही क्यों गए?.
शिवानंद तिवारी ने कहा कि गोपालगंज के डीएम हत्या ने हत्या के दिन पटना से गोपालगंज जाने के लिए मुजफ्फरपुर का रास्ता क्यों चुना वह वैशाली. सारण और सीवान के रास्ते भी गोपालगंज जा सकते थे. छोटन शुक्ला की हत्या के बाद गोपालगंज में बवाल हो रहा था तब जी कृष्णैया को उस रास्ते से नहीं जाना चाहिए था.
शिवानंद तिवारी ने आनंद मोहन सिंह के बचाव में कहा कि कि वहां मौजूद किसी आदमी ने यह नहीं कहा है कि आनंद मोहन सिंह ने डीएम को मारा है. आनंद मोहन ने वहां भाषण दिया था. भाषण सिर्फ आनंद मोहन ने नहीं दिया और भी दूसरे लोग थे जिन्होंने भाषण दिया था.
शिवानंद तिवारी ने कहा कि उन्हें कुछ लोगों ने बताया कि जब डीएम की गाड़ी को लोगों ने घेरा था तो जी. कृष्णैया के बार्डीगार्ड ने पिस्तौल निकाल लिया इससे भीड़ और उग्र हो गई और फिर उनकी हत्या कर दी. छोटन शुक्ला की हत्या के बाद पीली बत्ती वाली गाड़ी देखकर लोगों को लगा था कि गाड़ी में मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी बैठे हुए हैं.