लोकसभा चुनाव 2024 में प्रचार तेज हो गया है, तमाम नेता एक दूसरे पर बयान दे रहे हैं. आम तौर पर जनता को लुभाने के लिए चुनाव में राजनीतिक पार्टियां लोक लुभावन वादें करती है. भारत में भी खूब लोक लुभावन वादे किये जा रहे हैं इसी क्रम में सभी पार्टियां अपना अपना घोषणा पत्र जारी करती है. लेकिन एक ऐसा बयान आया है जिससे कि देश भर में तहलका मचा हुआ है. जिससे बिहार भी अछुता नहीं है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सलाहकार और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने कहा है कि उन्हें अमेरिका की तरह विरासत टैक्स अच्छा लगता है. यह बयान राहुल गांधी से जोड़कर देखा जा रहा है जिसमें कि उन्होंने कहा है कि देश में सरकार आने पर सम्पती की जांच की जाएगी. इस बयान के बाद ही देश भर में खूब बवाल हो रहा है. अब बिहार में भी इसको लेकर नेताओं ने टिपप्णी करना शुरू कर दिया है. चलिए जानते हैं कि विरासत टैक्स क्या है? दुनिया में और कहां कहां लगता है?
विरासत टैक्स क्या है?
विरासत टैक्स का मतलब अपने पुर्वजों से मिली संपति पर को अपने इस्तमाल में करने के लिए सरकार को कर का भुगतान करना. आर्थात विरासत में मिली हुई संपति पर आपका पूरा अधिकार न होकर आंशिक तौर पर होती है. उसके लिए आपको सरकार को टैक्स का भुगतान करना होता है.
अमेरिका में लगता है विरासत टैक्स
राहुल गांधी के सलाहकार और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने एक साक्षात्कार में कहा कि अमेरिका में विरासत में छोड़ी गई प्रॉपर्टी पर टैक्स लगता है. चलिए आपको बताते हैं कि कैसे मान लीजिए कि आप अमेरिका में पैदा हुए हैं तो अमेरिका में अगर आपके पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है लेकिन अगर आप मर जाते हैं तो आपके बच्चों को केवल उस प्रॉपर्टी का 45 प्रतिशत ही ही मिल पाएगा. बाकी का 55 प्रतिशत प्रॉपर्टी सरकार के पास चली जाएगी.
विरासत टैक्स अन्य देशों में भी लगता है
अमेरिका के कुछ ही राज्य हैं जहां पर विरासत टैक्स लगता है. लेकिन दुनियां के कई देश ऐसे हैं जहां विरासत टैक्स भरपूर मात्रा में लगता है. तो चलिए जानते हैं कि दुनिया के किन देशों में विरासत टैक्स लगता है.
जापान में 55 प्रतिशत
- साउथ कोरिया में 55 प्रतिशत
- फ्रांस में 45 प्रतिशत
- ब्रिटेन में 40 प्रतिशत
- अमेरिका में 40
- स्पेन में 34 प्रतिशत
- आयरलैंड 33 प्रतिशत
- बेल्जियम में 30 प्रतिशत
- जर्मनी में 30 प्रतिशत
- चिली में 25 प्रतिशत
- ग्रीस में 20 प्रतिशत
नीदरलैंड में 20
बिहार में भी अब इसको लेकर बयानबाजी तेज हो गई है. बिहार में एनडीए के घटक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि
“अगर कहीं गलती से ये लोग सत्ता में आ गए तो फिर वो गरीब किसान का क्या होगा? जिसने बड़ी मेहनत से जमीन का छोटा से टुकड़ा अपने लिए कमाया है. उसके निधन के बाद उसके छोटे से टुकड़े के भी दो टुकड़े हो जाएंगे. 55 फीसदी जमीन का टुकड़ा सरकार ले लेगी. कांग्रेस के लोग उसको हथिया लेंगे. ये सोच कांग्रेस और आरजेडी के लोग लेकर चलते हैं.”