लाइव सिटीज, पटना: वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मंगलवार को बजट पेश किया. इस बजट में राज्य सरकार की ओर से महिलाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य, नौकरी-रोजगार के क्षेत्र में बेहतर करने का एक तरफ दावा किया गया है तो वहीं बीजेपी ने हमला बोला है. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि महागठबंधन सरकार का पहला बजट यथास्थितिवादी और केंद्र पर आश्रित बजट है.
सुशील कुमार मोदी ने बयान जारी कर कहा कि एक लाख करोड़ के योजना व्यय में इस साल कोई वृद्धि नहीं की गई, इसलिए ग्रामीण विकास, समाज कल्याण और कृषि जैसे 10 महत्वपूर्ण विभागों के बजट में भी कोई बढ़ोतरी नहीं हुई.
शिक्षा विभाग के बजट में मात्र दो करोड़ की वृद्धि ऊंट के मुंह में जीरा जैसी है. बिहार के 2023-24 के पूरे बजट की 60 फीसद राशि (1 लाख 56 हजार करोड़ रुपये) केंद्रीय सहायता से प्राप्त होगी. इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहिए.
सरकार पर हमला करते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पूंजीगत परिव्यय, यानी निर्माण कार्यों पर खर्च में पिछले साल की अपेक्षा 492.33 करोड़ की कमी चिंता का विषय है. इससे बेरोजगारी बढ़ेगी. बजट में पूंजीगत परिव्यय के लिए 29257 करोड़ का प्रावधान किया गया है. यह राशि वर्ष 2021-22 की तुलना में 1546 करोड़ रुपये कम है.