लाइव सिटीज, पटना: लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार विधान मंडल में आज प्रस्तुत महागठबंधन सरकार के पहले बजट को निराशाजनक बताया चिराग पासवान ने कहा कि बजट में ऐसा कुछ भी उपयोगी बातें नहीं है जिसमें बिहारवासियों की उम्मीद जगे । उन्होंने कहा कि जो योजना कार्यक्रम चल रहे हैं उसके लिए बजट आवंटन कर लोगों को कुछ बड़ा करने की झूठी दिलासा दी गई है।साथ ही लोगों को गुमराह करने की भी कोशिश की गई है। बिहार कृषि प्रधान राज्य है लेकिन यहां किसानों की मूल समस्याओ को दूर करने की कोई घोषणा नहीं है। रोजगार शिक्षा स्वास्थ्य जैसे गंभीर विषय पर हवा हवाई घोषणा की गई है। उन्होंने समाज के कमजोर वर्ग के हित की पूरी तरह अनदेखी की गई हैं।
पासवान ने कहा कि इस बजट को देखकर ऐसा लगता है। महागठबंधन चुनाव में उतरने जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले 20 लाख रोजगार एवं नौकरी देने की घोषणा की गई थी लेकिन आज के बजट में 10 लाख रोजगार की बात कही गई है। इससे यह पता चलता है कि यह सरकार रोजगार के नाम पर युवाओं को ठग रही है। स्कूलों में ना तो सही से पढ़ाई हो रही है और ना ही बच्चे को सुविधा दी जा रही है। यही हाल अस्पतालों का है शिक्षकों एवं डॉक्टरों के काफी पद खाली पड़े हैं। इसकी चिंता और निवारण बजट में नहीं दिखती है।
चिराग पासवान ने कहा कि आंगनवाड़ी सेविका सहायिका नियोजित शिक्षक अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्षरत हैं पर इसके भी कोई प्रावधान की घोषणा नहीं हुई है। उन्होंने इस बात पर हैरानी प्रकट किया है कि बिना कर बढ़ाय राजस्व में बढ़ोतरी का दावा हास्यास्पद लगता है। इसके अलावा सरकार कहती है कि वह देश में आर्थिक विकास दर पर तीसरे नंबर हैं पर राज्य के विकास के लिए विशेष राज्य दर्जा की मांग करती है। जिसका प्रावधान ही राष्ट्रीय स्तर पर समाप्त हो चुका है।सरकार को प्रति माह कार्यों का श्वेत-पत्र जारी करने की मांग की है। इस बजट से बिहार वासियों को सिर्फ निराशा के अलावे कुछ भी हासिल नहीं होगा