लाइव सिटीज, पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि बिहार में बालू माफिया को राजद-जदयू का संरक्षण प्राप्त है, इसलिए नीतीश सरकार इन पर लगाम लगाने में पूरी तरह विफल है। पुलिस का मनोबल टूट चुका है और सशस्र खनन पुलिस बल के गठन की बातें हवा में रह गईं।
सुशील मोदी ने कहा कि लालू और बालू का पुराना रिश्ता राजद के सत्ता में आने से बालू माफिया के दुस्साहस में बदल गया, इसलिए इस सरकार के 14 महीनों में गैंगवार, पुलिस और खनन विभाग के अधिकारियों पर हमले की 50 से अधिक घटनाओं में दो दर्जन लोग मारे जा चुके हैं। गैंगवार में हजारों राउंड गोली चल चुकी है और दो दर्जन पोकलेन मशीनें फूंकी जा चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि राजद के पूर्व विधायक अरुण यादव और सुभाष यादव बड़े बालू माफिया हैं। इन्होंने ही एक दिन में राबड़ी देवी के 8 फ्लैट खरीदे थे। उन्होंने कहा कि अवैध बालू खनन और 250 करोड़ रुपये की राजस्व चोरी के मामले में जिस ब्राडसंस कंपनी पर ईडी ने छापा मारा, उसके मालिक सुभाष यादव हैं। ईडी इसी मामले में जदयू के विधान पार्षद राधाचरण सेठ को गिरफ्तार कर पहले भी पूछताछ कर चुकी है। मोदी ने कहा कि कैग की रिपोर्ट के अनुसार बालू माफिया ने एक वर्ष में 355 करोड़ की हेराफेरी की।
सुशील मोदी ने कहा कि जब राजद और जदयू की पूरी सरकार बालू-शराब माफिया से मिली हो, तब द्रोन कैमरे से निगरानी और अलग खनन सशस्त्र बल बनाने जैसी बातें कौन लागू करेगा ? मोदी ने कहा कि पिछले साल बिहटा के दियारा में बालू माफिया ने पुलिस टीम पर हमला किया, जिसमें 5 लोग मारे गए। बालू माफिया के गुंडों ने खनन विभाग के कार्यालय में घुसकर भी मारपीट की थी। उन्होंने कहा कि बिहटा के अमनाबाद में माफिया गैंग वार की ताजा घटना में सौ चक्र गोली चली और पांच पोकलेन मशीने फूँक दी गईं, लेकिन दोनों गुटों के 20 नामजद आरोपियों में से किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई।