लाइव सिटीज, पटना: राजीव प्रताप रूडी ने संसद में बोलते हुए सदन को बताया कि भारत में विमानन कंपनियों की स्थिति क्या है। साथ ही किस एयरपोर्ट की स्थिति खराब है। इसके अलावा विमानन कंपनियों के निजीकरण का क्या फायदा हुआ है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसलों की तारीफ भी की।
राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि इस देश में कितनी एयरलाइन कंपनी खुली और बंद हुई। याद कीजिए 1990 के पहले से कितनी विमान कंपनी आई। मोदी लुत्फ़ भारत में आया और बंद हुआ। ईस्ट वेस्ट भारत में आया बंद हुआ। जेट एयरवेज बंद हुआ, सहारा एयरलाइंस बंद हुआ। इंडियन एयरलाइंस और एयर इंडिया भी बंद हुआ लेकिन टाटा के पास गया। डेक्कन एयरलाइंस बंद हुआ। किंगफिशर बंद हुआ। गो एयरलाइंस बंद हुआ।
राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि भारत में बंद होने वाले एयरलाइंस की संख्या चौगुनी है, बशर्ते की जितनी एयरलाइंस आज चल रही है। अधिकांश कंपनियां बंद होती गईं। इंडिगो, स्पाइसजेट और एयर इंडिया छोड़कर। एक कहावत चलती है, एविएशन में। कहते हैं कि करोड़पति कैसे बनते हैं, इस धंधे में। उसको कहा जाता है कि एयरलाइंस के धंधे में आ जाओ और अरबपति से करोड़पति बन जाओ। अब हम जिस विषय पर आना चाहते हैं। भारत में सबसे ज्यादा डिस्टॉर्शन था। 72 हजार करोड़ का घाटा था, इंडियन एयरलाइंस और एयर इंडिया में। पैसा कौन देता था।
राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि हम लोगों ने घाटे की कंपनी का सौदा 70 सालों तक चलाया। सवाल ये है कि अब जो चल रहा, वो ठीक से चलेगा। ये संभव होगा, फेयर प्राइसिंग से। ये फेयर प्राइसिंग आएगा कहां से। दुनिया की बड़ी-बड़ी विमान कंपनियां बंद हो गईं। जिसमें ब्रिटिश, टर्की, जर्मनी और जापान एयरलाइंस की बड़ी-बड़ी कंपनियां शामिल थीं। सब जगह पर प्राइवेट किया गया। माननीय प्रधानमंत्री ने निर्णय लिया। पीएम ने देशहित में निर्णय लिया। इसका स्वागत होना चाहिए।