लाइव सिटीज, सेंट्रल डेसक्: बिहार में एक तरफ बाघ मारने का आदेश दिया गया है। वहीं, वन्य एवं पर्यावरण मंत्री को फुरसत नहीं है। हम बात कर रहे हैं तेज प्रताप यादव की। जिनकी जिम्मेदारी है कि वो ऐसे मामलों पर गंभीरता दिखाएं। बाघ को बचाने के लिए कोई कदम उठा पाएं। उनके पास फाइलों का ढ़ेर पड़ा है। बगहा में बाघ को आदमखोर करार देकर उसे मारने का आदेश दे दिया गया। वह पशु जो भारत का राष्ट्रीय पशु भी है और विलुप्ति के कगार पर है।
नीतीश कुमार और भारत सरकार की अथक प्रयास से अब बगहा में बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है। ये अच्छी खबर हो सकती है। लेकिन जंगल में इन्सानों का अतिक्रमण और उसके आहार चक्र में शामिल जीवों की कमी को समझे बिना उसे आदमखोर करार दे दिया गया है। यह आदेश नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी यानी NTCA की ओर से जारी किया गया है।
दरअसल, पश्चिम चंपारण में एक बाघ को आदमखोर करार दे दिया गया। बगहा जो कभी बाघों का घर हुआ करता था। इसी लिए इस का नाम भी बगहा पड़ा। एक वम्त ऐसा था जब बाघ इस इलाके से विलुप्त हो गए थे। मगर अब बाघों को बचाने के अभियान ने रंग लाना शुरू किया और बाघों की संंख्या में इजाफ हुआ तो उसे मारने आदेश दे दिया गया।