लाइव सिटीज, पटना: बिहार विधानसभा में आज खेल विभाग के बजट पर चर्चा हो रहा था। उसी दौरान विपक्षी दलों के तरफ से सवाल किया गया कि, बिहार में खिलाड़ियों को भी सरकारी नौकरी में छूट दी जाए। इसके साथ ही उन्हें सरकारी नौकरी भी प्रदान की जाए। यह सवाल भाजपा के विधायक नीतीश मिश्रा के तरफ से किया गया था। जिसके बाद इसको लेकर प्रभारी मंत्री जवाब देने को आगे आए तो वो विपक्ष उनके सवालों से संतुष्ट नहीं हुआ।
जिसके बाद खुद सीएम नीतीश जवाब देने के लिए खड़े हो गए। उसके बाद उन्होंने कहा कि, आपलोग जो कह रहे हैं उसपर ध्यान दिया जाएगा। लेकिन, आपको यह याद रहना चाहिए कि मै खुद अटल जी सरकार मे मंत्री रहते हुए इसकी शुरुआत किया था। महिला खिलाड़ियों को नौकरी और छूट देना कब शुरू हुआ ज़रा आप लोग देख लीजिए।
भाजपा विधायक नीतीश मिश्रा ने सरकार से यह सवाल किया कि बिहार में आजतक कितने खिलाड़ियों को सरकारी जॉब दी गयी है। इसके आलावा कितनों को खेल कोटा के तहत बहाल किया गया है इसका ब्यौरा सरकार सार्वजनिक करें। उन्होंने पिछले 7 सालों में खेल कोटा के जरिए हुई बहाली को लेकर सरकार से ब्यौरा माँगा।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि, सवाल करने से पहले जरा जाकर देख लें कि, जब हम अटल बिहारी वाजपेयी कि सरकार में गृह मंत्री थे तो उसी समय खेल कोटे से खिलाड़ियों की नियुक्ति शुरू की थी। वैसी ही अब बिहार में भी खेल कोटे से नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। बिहार में भी उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी जाती है। भाजपा के वरिष्ठ विधायकों नंद किशोर यादव की तरफ इशारा करते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि ये लोग सब जान रहे हैं।