लाइव सिटीज, पटना: मुख्य सचिवालय में सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में चल रही कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है. बैठक में कुल 16 एजेंडों पर मुहर लगाई गई है. पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अंतर्गत राज्य के 12 जिलों कैमूर, सुपौल, पूर्वी चंपारण, सीवान, जहानाबाद, मुजफ्फरपुर, खगड़िया, शेखपुरा, गोपालगंज, बेगूसराय, भोजपुर और बक्सर में 520 विद्यार्थियों की क्षमता वाले 1-1 अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस टू स्कूलों के भवन निर्माण के लिए प्रति स्कूल 46 करोड़ 35 लाख 28,000 की लागत से कुल 556 करोड़ 23 लाख, 36 हजार रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है.
गया एयरपोर्ट पर एविएशन टरबाइन फ्यूल की वैट दर को 29 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी किया गया है. राज्य के 35 सदर अस्पतालों में ड्रेसर के 210 पदों के सृजन को कैबिनेट से स्वीकृति मिली है. पटना के कदमकुआं स्थित बिहार औषधि नियंत्रण प्रयोगशाला में 39 पदों के सृजन और तीन पदों के प्रत्यर्पण की स्वीकृति मिली है.
सबसे खास बात यह की बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश की गई है. समस्तीपुर में नये मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव पास किया गया है. इसके अलावे सदर अस्पतालों में ड्रेसर के पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है. छपरा मेडिस कॉलेज के लिए 423 नये पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। इसके अलावे पीएमसीएच समेत अन्य अस्पतालों के लिए कई बड़े फैसले लिये गये हैं. बिहार के 35 सदर अस्पतालों में ड्रेसर के अतिरिक्त पदों के सृजन की आवश्यकता को देखते हुए कुल 210 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई हैं. इससे राज्य की आम जनता को स्थानीय स्तर पर बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी. राज्य सरकार को ड्रेसर के इन 210 पदों के सृजन से हर साल 7 करोड़ 35 लाख 30160 रुपये का अतिरिक्त व्यय होगा.
राज्य के सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय से पीजी डिप्लोमा उत्तीर्ण छात्रों से बंध पत्र के अधीन 3 वर्षीय अनिवार्य सेवा हेतु 3990 फ्लोटिंग पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है. इससे राज्य के चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पतालों में इन्हें सीनियर रेजिडेंट, ट्विटर एवं अन्य चिकित्सा संस्थान में विशेषज्ञ चिकित्सक के रूप में नामित किया जाएगा.सृजित कुल 3990 पद पर 3 वर्ष के लिए एक तिहाई की संख्या में विभक्त होंगे. पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के मानक के अनुसार गाइनेकोलॉजिकल समेत 10 विभागों का सृजन किया गया है। उनके लिए शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कुल 229 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है.