लाइव सिटीज, पटना: प्रावैधिकी एवं आपदा प्रबंधन मंत्री डाक्टर संतोष कुमार सुमन ने कहा कि मुस्लिम वोट खिसकने के डर से राजद हिंदू भावनाओं पर चोट करता है, मुस्लिम कट्टरपंथियों के बयान पर चुप्पी साधता है और पूर्व शहाबुद्दीन के परिवार से नजदीकी बढाता है, जबकि भाजपा नेताओं के कथित बयान को तोड़-मरोड़ कर उसे टार्गेट करता है। यह तुष्टीकरण 2025 में काम नहीं आएगा।
उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ने गरीब मुसलमानों के रोजी-रोजगार के लिए कुछ नहीं किया, लेकिन सीवान के आतंक शहाबुद्दीन का मजहब देख कर उसे विधायक और सांसद बनाते रहे। सुमन ने कहा कि जब कांग्रेस के नेता सलमान खुर्शीद ने भारत में बांग्लादेश जैसी घटना दोहराने की धमकी दी, तब लालू प्रसाद और तेजस्वी प्रसाद यादव ने चुप्पी साध ली। आज तक इस पर न कांग्रेस ने कोई खंडन जारी किया, न राजद ने बयान की निंदा की।उन्होंने कहा कि बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को महाराष्ट्र के एक भाजपा विधायक की कथित धमकी पर टिप्पणी करने से पहले अपने वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दिकी के बयान पर बोलना चाहिए, जिन्हें भारत में डर लग रहा है और जो अपने बच्चों को विदेश में बसने की सलाह देते हैं।
सुमन ने कहा कि तेजस्वी यादव अपना एक बयान बतायें, जिसमें देश -विरोधी गतिविधियों में लिप्त इस्लामी चरमपंथी संगठन आइपीएफ की निंदा की गई हो।उन्होंने कहा कि 2016 में राजद के सत्ता में साझेदार रहते तिहरे हत्याकांड में सजायाफ्ता शहाबुद्दीन को उसकी मर्जी के अनुसार भागलपुर सेंट्रल जेल से सीवान जेल ट्रांसफर करने की घटना हुई। उस समय तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम थे। क्या इससे आम मुसलमान का कोई भला हुआ था? क्या यह शर्मनाक तुष्टीकरण नहीं था? मुसलमान भाइयों को डराकर वोट बैंक बनाने की खोटी नियत से काम नहीं चलने वाला.. अब देश के मुसलमान भी विकास की गाड़ी में सवार हो रहे हैं… उनको भी मुख्यधारा में शामिल होना अच्छा लग रहा है..