HomeBiharLok Sabha चुनाव 2024 से पहले गरमाया UCC का मुद्दा, PM Modi...

Lok Sabha चुनाव 2024 से पहले गरमाया UCC का मुद्दा, PM Modi ने कहा- “देश को इसकी जरूरत”. यूसीसी के बारे में जानिए

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok sabha election 2024) को लेकर देश भर में चुनाव प्रचार शीर्ष पर है. राजनीतिक दलों के द्वारा तमाम प्रकार की बयानबाजी और लोक लुभावन वादे किए जा रहे हैं. इस बीच प्रधानमंत्री मोदी बड़ा बयान दे दिए हैं. उन्होंने कहा कि भारत के लोग अब देश भर में यूसीसी की जरूरत महसूस कर रहे हैं. हमने उतराखंड में इसे लागू किया है जिसे पूरे देश के लोग उसे स्वीकार कर रहे हैं. अब समय आ गया है कि इसे पूरे देश भर में लागू किया जाय. आपको बता दें कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में देश भर में यूसीसी लागू करने की बात कही है. तो चलिए जानते हैं कि यूसीसी यानि यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है? इसका इतिहास क्या है? सबसे पहले कहां देश में लागू किया गया? जिसको लेकर इतनी बयानबाजी तेज हुई है.

यूसीसी( यूनिफॉर्म सिविल कोड) क्या है.

भारत में UCC का इतिहास 100 साल से भी पुराना है. भारत में यूसीसी का इतिहास 19 वीं शताब्दी के आस पास मिलता है. जब अंग्रेजों ने देश में अपराध, सबूत और अनुबंधों से संबंधित भारतीय कानूनों में एकरूपता की आवश्यकता पर जोर दिया था. अंग्रेज एकेश्वरवादी ईसाई थे.इसलिए उन्हें भारत में चल रही जटिल प्रथाओं को समझना मुश्किल था.

आजादी के बाद भी UCC पर चर्चा

भारत की स्वतंत्रता के बाद UCC पर अलग-अलग विचार थे.  संविधान सभा के कुछ सदस्यों का मानना ​​था कि UCC भारत जैसे अलग-अलग धर्मों और संप्रदायों वाले देश में लागू करना बेहतर नहीं होगा. जबकि अन्य सदस्यों का मानना ​​था कि UCC देश में अलग-अलग समुदायों के बीच एक देश-एक कानून की तर्ज पर सद्भाव लाएगा.

यूसीसी पर अधिकारिक रुख ?

संविधान की अनुच्छेद 44 सरकार को यह निर्देश देता है कि भारत के लोगों के लिए एक समान कानून लागू किया जाना चाहिए. देश भर में प्रत्येक नागरिक समान हैं उनके लिए नियम भी समान बनाया जाना चाहिए.सुप्रीम कोर्ट ने भी कई ऐतिहासिक निर्णयों में सरकार से UCC को लागू करने और कानून बनाने का आह्वान किया है. समय-समय पर न्यायालय ने केंद्र सरकार से इस पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है. मोहम्मद अहमद ख़ास VS शाह बानो बेगम के ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने एक तलाकशुदा मुस्लिम महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला दिया था. इस फैसले में  समुदाय के व्यक्तिगत कानूनों की बजाय भारत के कानून CrPC को प्राथमिकता दी थी. अदालत ने सरकार पर एक टिप्पणी भी किया था कि  

“अनुच्छेद 44 एक बेकार पड़ा हुआ आर्टिकल बनकर रह गया है”

भारत में यूसीसी कहां है लागू

भारत की बात करें तो भारत में सबसे पहले गोवा में यूसीसी लागू है. पहले गोवा पुर्तगाली शासन के अधिन था जिसमें पोर्तुगीस सिविल कोड लागू था. भारत में शामिल होने के बाद देश की संसद ने विशेष रूप से संविधान में संशोधन करके गोवा में सिविल कोड  कानून लागू कराया. उसके बाद भारत में उतराखंड में सिविल कोड लागू हुआ है. उतराखंड देश का दूसरा ऐसा राज्य है जहां सिविल कोड लागू है.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments