लाइव सिटीज, पटना::बिहार में जातीय गणना को लेकर एकबार फिर सियासत गरमा गई है। मंगलवार को बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के वार के बाद अब जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पलटवार किया है।
ललन सिंह ने कहा कि हमने केन्द्र सरकार से जातीय गणना कराने की मांग की थी लेकिन केन्द्र की सरकार द्वारा मना करने के बाद नीतीश सरकार ने जातीय गणना कराने का फैसला लिया लेकिन बीजेपी ने पर्दे के पीछे से ही हाईकोर्ट में पिटीशन दिया लेकिन हाईकोर्ट ने भी गणना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके बाद बीजेपी ने मुकुल रोहतगी की मदद से गणना का विरोध किया।
ललन सिंह ने कहा कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि जातीय गणना से कोई निजता भंग नहीं होती और गणना पर रोक से इनकार कर दिया लिहाजा बीजेपी ने देखा कि उसकी दाल नहीं गलने वाली तो फिर नकाब उतार दिया। अब मोदी सरकार के सॉलिसिटर जनरल सुप्रीम कोर्ट में आकर जातीय गणना पर अपना पक्ष रखना चाहते हैं।
ललन सिंह ने ये भी कहा कि बिहार में नगर निकाय चुनाव के दौरान भी यही हुआ, जबकि नीतीश कुमार ने स्पष्ट कर दिया था कि चुनाव में अतिपिछड़ों के आरक्षण से छेड़छाड़ नहीं होने दिया जाएगा लिहाजा बीजेपी को अब पर्दे के पीछे से बाहर आना पड़ा है।
बीजेपी पर बरसते हुए जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी अतिपिछड़े, पिछड़े, गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की विरोधी है। पीएम मोदी वोटिंग के वक्त अतिपिछड़ा बन जाते हैं लेकिन अब जेडीयू ने ठान लिया है कि वो बीजेपी के खिलाफ पोल-खोल कार्यक्रम चलाएगी। जेडीयू 1 सितंबर से 5 सितंबर तक हर जिले में मशाल जुलूस और कैंडिल मार्च निकालेगी।