लाइव सिटीज, नालंदा: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी एक तरफ बीजेपी से नजदीकी बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं दूसरी तरफ वह भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल खड़े कर रहे हैं. जीतनराम मांझी ने एकबार फिर श्रीराम के अस्तित्व पर सवाल उठाया है.
नालंदा में जीतनराम मांझी ने कहा कि वह राम को भगवान नहीं मानते हैं क्योंकि राम भगवान नहीं बल्कि एक काल्पनिक व्यक्ति हैं. राम का अस्तित्व कल्पना है. इसके साथ ही जीतनराम मांझी ने हिन्दू धर्म पर भी हमला बोला. मांझी ने कहा कि हिन्दू धर्म में कभी सुधार नहीं हो सकता है. हिन्दू धर्म में जात- पात, ऊंच- नीच खूब होता है. इसमें इसी के नाम पर शासन भी चलता है.
मांझी ने कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने हिन्दू धर्म की इसी कुरीतियों के खिलाफ बौद्ध धर्म अपनाया था. बाबा साहब कहते थे ‘जात-पात खत्म होनी चाहिए’. बौद्ध धर्म में जात-पात नहीं है.
इससे पहले जीतनराम मांझी ने कहा था कि रावण राम से बड़ा कर्मकांडी था. जब राम मुश्किल में होते थे तब उनकी सहायता के लिए अलौकिक शक्तियां आती थी लेकिन रावण के लिए नहीं. राम को काल्पनिक बताने वाले जीतनराम ने कहा था कि वह गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि को तो मानते हैं लेकिन भगवान राम को नहीं. राम, गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि की रचना के एक पात्र थे.