लाइव सिटीज, पटना:चीन में कोरोना के बिगड़ते हालात के बाद बिहार में सरकार सतर्क हो गई है. बिहार में भले ही अभी संक्रमण की दर कम है और महज तीन एक्टिव केस है. इसमें क केस गया का है. इसके बाद भी सरकार कोरोना को लेकर एक्टिव मोड में आ गई है. बिहार में इस महामारी के फिर से आने की संभावना को देखते हुए सभी अस्पतालों में अलर्ट जारी कर दिया गया है.
बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कोरोना की समीक्षा की. प्रत्यय अमृत ने राज्य स्वास्थ्य समिति, IGIMS के माइक्रोबायोलाजी विभाग के साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन के पदाधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. इसमें कोविड के नये मामलों की जीनोम सिक्वेंसिंग को लेकर निर्देश दिया
साथ ही समीक्षा मीटिंग में यह भी तय हुआ कि हर हाल में कोरोना को शुरुआती दौर में ही कंट्रोल करना है. इसके लिए हली कड़ी में सर्दी खांसी और बुखार के साथ सांस फूलने वाले मरीजों के लिए गाइडलाइन जारी किए गए. साथ ही इस बात जोड़ दिया गया कि संदिग्ध मरीजों की जांच कराई जाए. बिहार में संक्रमण के खतरे को लेकर इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में कोरोना के लिए 15 बेड रिजर्व किए गए हैं.साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने जीनोम सीक्वेंसिंग के साथ टेस्टिंग बढ़ाने को लेकर तैयारी को तेज करने की बात कही.
स्वास्थ्य विभाग ने IGIMS के अधिकारियों से कोरोना की लड़ाई में पूरी तरह से अलर्ट मोड पर रहने को कहा है वही कोरोना के बढ़ते खतरे को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा है-कोरोना जांच और टीकाकरण सबसे अधिक बिहार में हो रहा है. अभी देश में भी स्थिति सामान्य है. उन्होंने कहा कि हमलोग हर जगह लगातार जांच कराते रहे हैं. बिहार में अभी बिहार में तीन केस एक्टिव हैं.