लाइव सिटीज, पटना: महावीर मन्दिर न्यास द्वारा संचालित महावीर आरोग्य संस्थान में निःशुल्क फाइब्रोस्कैन जांच मंगलवार को प्रारंभ हो गया। महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने फीता काटकर इसका औपचारिक शुभारंभ किया। प्रत्येक महीने के दूसरे और चौथे मंगलवार को यह जांच होगी। पटना के कंकड़बाग स्थित महावीर आरोग्य संस्थान के इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोइन्टेरोलाॅजी में यह जांच होगी। अस्पताल के गैस्ट्रो विशेषज्ञ से दिखाने के बाद उनके परामर्श पर यह जांच होगी।
महावीर आरोग्य संस्थान के प्रभारी निदेशक डाॅ राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि वर्तमान समय में अव्यवस्थित दिनचर्या के कारण लीवर से जुड़ी बीमारियां बढ़ रही हैं। आज के दौर में लोग पैदल कम चल रहे हैं। इसके कारण लीवर का फाइब्रोसिस ज्यादा हो रहा है। फैटी लीवर और लीवर स्टीफनेस की जांच फाइब्रोस्कैनर मशीन से होगी। हेपेटाइटिस और लीवरसिरोसिस की बीमारियों के लीवर पर पड़नेवाले प्रभाव की जांच भी इस मशीन से होगी। पटना के गिने-चुने अस्पतालों में ही यह सुविधा है। पहले दिन 40 मरीजों का फाइब्रोस्कैन जांच किया गया।
इस अवसर पर महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि महावीर आरोग्य संस्थान महावीर मन्दिर न्यास का पहला अस्पताल है। 1 जनवरी 1989 को द्वारिका पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य ने इसका उद्घाटन किया था। महावीर आरोग्य संस्थान उत्तर भारत में किसी मन्दिर द्वारा खोला गया पहला अस्पताल है। यहाँ सभी तरह की बीमारियों का उपचार बहुत कम दर पर होता है।
आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि महावीर आरोग्य संस्थान गैर सरकारी क्षेत्र में गरीब मरीजों के लिए बिहार का सबसे बड़ा मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल है। इस अस्पताल का सिद्धांत है कि यहाँ जो भी मरीज आए, वह बगैर इलाज के नहीं लौटे। इस मौके पर आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि महावीर आरोग्य संस्थान के नये भवन का निर्माण जल्द प्रारंभ होगा। इसके लिए लगभग सभी जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर ली गयी हैं। इस अवसर पर पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और महावीर आरोग्य संस्थान के शासी निकाय के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो रासबिहारी सिंह ने कहा कि गरीब और अमीर सभी तरह के मरीज इस अस्पताल में इलाज के लिए आते हैं। कोई मरीज इलाज के अभाव में लौटे नहीं, यह महावीर आरोग्य संस्थान का ध्येय है। कार्यक्रम में महावीर नेत्रालय के निदेशक डाॅ यूसी माथूर, महावीर आरोग्य संस्थान के शासी निकाय सदस्य हामिद पालवी, सहायक निदेशक देवेन्द्र शर्मा, प्रशासनिक अधिकारी सत्यानन्द यादव, डाॅ अविनाश, डाॅ दीपक आदि मौजूद रहे।