लाइव सिटीज, कैमूर/ ब्रजेश दूबे: लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर कैमूर के नदी एवं तालाब किनारे घाट पूरी तरह से तैयार हैं. घाटों पर पहुंच कर व्रती भगवान भास्कर को अर्घ देंगे. राजेंद्र सरोवर घाट से शहर के सुवर्णा नदी घाट तक पक्की सीढ़ियों पर व्रती पूजा कर सकेंगे. घाट पर जगह अधिक होने से व्रतियों को काफी सुविधा होगी. सीढ़ी से नीचेपानी अधिक होने से सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग की गयी है.
घाट पर अधिक जगह होने से अधिक भीड़ होने की उम्मीद है. जिले के भगवानपुर, चैनपुर, चांद, दुर्गावती, रामगढ़, मोहनिया, नुआव, कुदरा सभी प्रखंडों में आसपास के लोग छठ घाट पर वहां पहुंचते हैं. पर्याप्त जगह होने से सूप, दउरा रखने में सुविधा होगी.
बता दें कि जिला मुख्यालय से राजेंद्र सरोवर की दुरी लगभग 500 मीटर दूरी है लेकिन जिला मुख्यालय से सुवर्णा नदी घाट की दूरी लगभग सावा किलो मीटर के आसपास बताई जाती है.लेकिन घाट पर पर्याप्त जगह होने से लोग वहां पहुचते हैं. घाट पर लाइटें एक दिन पहले से ही यानी खरना के दिन से ही जगमगाने लगी हैं. बैरिकेडिंग कर सुरक्षाका इंतजाम किया गया है.
बात करें अगर जिले के भगवानपुर प्रखंड मुख्यालय की तो प्रखंड मुख्यालय से नदी की दूरी लगभग एक किलोमीटर है. वाहन से पहुंचने वाले वहां सुविधापूर्वक चले जायेंगे. बात करें अगर जिला सहित सभी प्रखंडों का तो वाहन पार्किंग की व्यवस्था भी की गयी है. भगवानपुर , चैनपुर , मोहनिया, रामगढ़, सहित भभुआ जिला मुख्यालय के तिवारी टोला रोड समीप पोखरा रोड इलाके के लोग पहुंचते हैं.
बता दें कि जिला मुख्यालय के राजेंद्र सरोवर, चमनलाल पोखरा, पूरब पोखरा के अलावा शहर के लगभग सभी घाटों को ढंग से सजाया गया है. सीढ़ियों पर जमा कूड़ा कर्कट के अलावा बालू को साफ कर चमकाने का काम हुआ है. लगभग 70 से 60 मीटर लंबे घाट पर बड़ी संख्या में व्रती आते हैं.
वहीं कैमूर (भभुआ) जिला मुख्यालय के अलावे सभी छठ घाटों पर पुलिस व प्रशासन के अलावे स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं नागरिकों द्वारा छठ व्रतियों को लेकर किसी प्रकार कठिनाई का सामना न करना पड़े घाटों पर किसी प्रकार की कठिनाई ना हो इसको लेकर वहां सहूलियत होगी. बता दें कि छठ व्रती छठ पूजा की सामग्री लेकर संभल कर ही जाएं ताकि किसी प्रकार का कठिनाई का सामना ना हो.
वहीं जिले के भगवानपुर के छठ घाटों पर करीब दो दर्जन से अधिक प्रशासन एवं पुलिस के अलावे दूरदराज के लोग अर्घ अर्पित करने के लिए यहां जुटते है. यहां भारी साफ-सफाई, बैरिकेडिंग व्यवस्था की जाती है.