लाइव सिटीज, पटना: बिहार विधानसभा के मुख्य द्वार से लेकर सदन तक महागठबंधन के नेताओं ने राहुल गांधी को हुई सजा के मामले में शुक्रवार को मार्च निकाला. सबसे बड़ी बात यह रही कि इस मार्च से सीएम नीतीश कुमार की पार्टी गायब रही. नेताओं ने विधानसभा परिसर में बैनर-पोस्टर लेकर विरोध जताया गया. इस दौरान खूब नारेबाजी भी की गई. सदन के अंदर भी इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ. सदन में भी जेडीयू की ओर से कुछ नहीं कहा गया. लेकिन आरजेडी राहुल गांधी के समर्थन में उतरे. वहीं बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी इसका समर्थन किया.
इसपर तेजस्वी यादव ने कहा कि कोर्ट के निर्णय पर हम कुछ नहीं बोलेंगे लेकिन देश में क्या माहौल है, ये सब लोग जानते है. लालू यादव 2014 से ही कह रहें है की यहां पर पूरी तरीके से अघोषित इमरजेंसी है. देश में बीजेपी के खिलाफ अगर कोई भी व्यक्ति सच बोलता हो और उनको आइना दिखाता हो तो किसी भी तरह से उसके खिलाफ़ कारवाई की जाती है. वहीं इस फैसले पर तेजस्वी यादव थोड़ा बचते नज़र आए, लेकिन उन्होंने साफ तौर पर कह दिया कि देश के एक एक व्यक्ति जानता है की राहुल गांधी के साथ ऐसा क्यों हुआ. कांग्रेस के सभी नेता को एकजुट होकर इसके खिलाफ़ लड़ाई लड़ें.
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे है? आरोप लगाया गया कि राहुल ने ऐसा कहकर पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया।राहुल गांधी को मानहानि से जुड़े एक मामले में गुजरात के सूरत की अदालत ने दो साल की सजा सुनाई है। हालांकि राहुल के लिए राहत की बात यह रही कि जमानत भी दे दी और उनकी सजा पर 30 दिन की रोक लगा दी, ताकि कांग्रेस नेता उसके फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकें। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार, किसी भी सदस्य को दोषी ठहराए जाने और दो साल या उससे अधिक के कारावास की सजा होने पर अयोग्य घोषित किया जाएगा।