लाइव सिटीज, पटना: बिहार में जाति आधारित गणना पर हाईकोर्ट में सुनवाई के मामले पर सीएम नीतीश कुमार ने बड़ा बयान दिया है. सीएम ने कहा कि सबकी सहमति पर जातीय गणना हो रही है. जातीय गणना की पहले से मांग हो रही थी.
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार सरकार ने बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों से इसको पारित करके गणना करवाने का फैसला किया था. 10 वर्षों पर जनगणना होती थी, लेकिन अब तो वह केंद्र सरकार नहीं करवा रही है. पूरे देश में जाति आधारित जनगणना की मांग की गई थी. सभी दोनों के साथ प्रधानमंत्री के साथ ही मिले थे, लेकिन देश में यह नहीं की गई. बिहार में सभी दलों की सहमति के बाद इसे करने का फैसला किया.
सीएम नीतीश ने कहा कि अब इसका विरोध क्यों हो रहा है यह समझ में नहीं आ रहा है. नीतीश कुमार ने कहा कि यदि यह गिनती हो जाती है तो इससे नुकसान किसको है. सभी जाति एवं धर्मों के लोगों की आर्थिक स्थिति कैसी है इसका पता चल जाएगा. पूरे बिहार के लोगों में इस बात को लेकर के खुशी है.
बिहार में जाति आधारित गणना के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं पर पटना हाईकोर्ट ने बुधवार को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था. अदालत इस मामले पर आज फैसला सुनाएगी. हाई कोर्ट में याचिका दायर कर जातीय गणना को तत्काल रोकने की मांग की गई है. बुधवार को पटना हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की पीठ ने एक साथ पांच याचिकाओं पर सुनवाई की और सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया.