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बिहार विधानसभा सत्र: वर्तमान सत्र में कुल 5 बैठकें निर्धारित, अध्यक्ष ने प्रारंभिक संबोधन में की ये बातें

लाइव सिटीज, पटना: बिहार विधान सभा के दशम सत्र में विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने अपने प्रारंभिक संबोधन में इस सत्र से जुड़ी बातों का जिक्र सदन के सभी सदस्यों से किया। उन्होंने बताया कि वर्त्तमान सत्र में कुल पाँच बैठकें निर्धारित है। इसमें मुख्यतः प्रश्नकाल, राजकीय विधेयक, वित्तीय कार्य, गैर सरकारी संकल्प लिये जाएंगे एवं अन्य औपचारिक कार्य होंगे ।

अवध बिहारी चौधरी ने बताया कि लोकतंत्र के स्वस्थ विकास में रोजगार, आवास, भोजन, उचित जीवन स्तर शिक्षा तथा जीवन की अन्य आवश्यकताएँ प्राप्त करने के मूलभूत अधिकार नागरिक समाज की अनिवार्य आधारशिला है । लोकतंत्र तभी चल सकता है जब जीवन चलाने के लिए आवश्यक सामग्री उपलब्ध रहे और उनका संतुलित वितरण भी समाज में व्याप्त रहे । जिस हद तक रोजगार और शिक्षा आदि पाने के अवसरों में विषमता होगी, उसी हद तक समाज में लोकतंत्र निर्माण की क्षमता भी सीमित रहेगी। विधायिका का यही दायित्व है कि ऐसी विषमताओं को दूर करने हेतु विमर्श करे और सार्थक उपाए से सरकार को अवगत कराए। क्योंकि सामाजिक तथा आर्थिक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए संवैधानिक साधनों और संसदीय परम्पराओं का अधिकतम उपयोग ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है।

उन्होंने बताया कि शोर और शक्ति दबाव से अपनी धारणाओं को, अपने विचारों को मनवाने का प्रयास करना लोकतंत्र के लिए उचित नही होता है । संसदीय प्रणाली तभी सफल हो पाती है, जब लोकतांत्रिक मूल्यों को कार्यान्वित करने वाले लोग एक-दूसरे के दृष्टिकोण का आदर करें। असहिष्णुता से प्रतिशोध की भावना जागृत होती है । यदि सभी निर्णय बहुसंख्यक दल के आधार पर ही किया जाए, अल्पसंख्यक दलों की भावनाओं और इच्छाओं का ध्यान नहीं रखा जाए तो इससे लोकतंत्र निरर्थक हो जाता है । अतः लोकतंत्र की सफलता के लिए स्वस्थ परम्पराओं का सृजन तथा विकास बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। समाज में युवाओं को शिक्षित करना, रोजगार का सृजन करना और उन्हें संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूक करना हमारी सबसे बड़ी जवाबदेही है।

साथ ही उन्होंने सभी सदस्यों से आग्रह करते हुए कहा कि सत्र के दौरान लोक महत्व के विषयों पर विमर्श करें, अपना पक्ष रखें। लोकतंत्र में विचार-विमर्श से ही किसी समस्या का हल निकलता है । मुझे उम्मीद है कि इस सत्र में अधिक-से-अधिक अपनी उपस्थिति बनाकर हम राज्यहित में बेहतर कार्य कर सकेंगे । उन्होंने बताया कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस सत्र के सफल संचालन में आप सभी माननीय सदस्यों का सकारात्मक सहयोग प्राप्त होगा

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