कहते हैं ना दूल्हा-दुल्हन की जोड़ी ऊपर वाले बनाकर धरती पर भेजते हैं. शहनाइयां बजनी शुरू हो गई, बारात आई, दूल्हा और दुल्हन वरमाला के लिए स्टेज पर पहुंचे और एक दूसरे के गले में वरमाला डाला, फिर हिंदू रीति रिवाज से दोनों की धूमधाम से शादी हुई. शादी संपन्न हुआ, उसके बाद दूल्हा शादी के जोड़े में ही ब्रश करके बाथरूम से बाहर निकला और अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी और देखते ही देखते उसने दम तोड़ दिया.
एक पल में खुशी का माहौल मातम में बदल गया. सब कुछ थम सा गया, जहां शहनाई की धुन और शादी के गीत गाए जा रहे थे. वहीं देखते ही देखते विवाह स्थल पर चीखने-चिल्लाने व मातम जैसी रोने की आवाजें सुनाई देने लगी. दूल्हा-दुल्हन की शादी तो हुई, लेकिन दोनों एक दूसरे के ना हो सके.
यह ह्रदय विदारक मामला भागलपुर के मिरजान हाट शीतला स्थान स्थित निजी विवाह भवन का है. विवाह भवन में झाबुआ कोठी खंजरपुर से बारात पहुंची, जहां पूर्व से झारखंड चाईबासा के जन्मजय कुमार झा की 25 वर्षीय पुत्री आयुषी दुल्हन बनी हुई थी. विवाह कार्यक्रम का आयोजन जोर शोर से चल रहा था, जहां सारे विधि विधान के साथ दूल्हा-दुल्हन ने अग्नि के फेरे लिए और सिंदूरदान का रस्म पूरा हुआ.
उसके कुछ देर बाद दूल्हे की तबीयत बिगड़ने लगी और लड़के पक्ष के लोगों द्वारा आनन-फानन में इलाज के लिए उसे मायागंज अस्पताल ले जाया गया. जहां मौजूद चिकित्सकों ने उसे जांच उपरांत मृत घोषित कर दिया.