लाइव सिटीज , पटना : राजद सुप्रीमो लालू यादव इन दिनों चारा घोटाला मामला में जमानत पर है. झारखण्ड हाई कोर्ट से उनको ख़राब सेहत को लेकर इलाज के लिए जमानत मिली है. वहीं अब इस मामले में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत रद्द करने की मांग की है . सीबीआई ने कहा कि लालू यादव को अपनी पूरी सजा काटनी चाहिए. वहीं चारा घोटाले में दोषी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने खराब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र को आधार बनाते हुए अपने जवाबी हलफनामे में कहा कि उन्हें हिरासत में रखने से सीबीआई का कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा . सुप्रीम कोर्ट सीबीआई की याचिका पर 25 अगस्त को सुनवाई करेगा . वहीं सीबीआई के इस याचिका को लेकर सियासी हलकों में सवाल भी खड़े हो रहे हैं .
बता दें कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव फिलहाल जमानत पर बाहर हैं जो इलाज कराने के नाम पर जमानत पर जेल से बाहर हैं . लेकिन इन दिनों लालू कई राजनीतिक गतिविधियों में भी हिस्सा ले रहे हैं . जिसके बाद सीबीआई की दलील है कि लालू प्रसाद यादव को कई मामलों में कम सजा मिली है ऐसे में उन्हें जो भी सजा कोर्ट ने दी है उसे पूरी भुगतनी चाहिए. वहीं लालू यादव के तरफ से सीबीआई की मांग का विरोध किया गया है.
बता दें कि CBI द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सर्वोच्च न्यायालय भी तैयार हो गया है. जिसकी सुनवाई कल यानी 25 अगस्त को होगी . बता दें कि भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ चारा घोटाले से संबंधित डोरंडा कोषागार मामले में झारखंड हाई कोर्ट द्वारा लालू यादव को मिली जमानत को रद्द करने की याचिका पर 25 अगस्त को सुनवाई करेगी. बता दें कि सीबीआई ने दुमका, डोरंडा, चाईबासा और देवघर मामलों में मिली जमानत को चुनौती दी है. सीबीआई ने इस याचिका में कहा कि लालू प्रसाद को देवघर मामले में सिर्फ साढ़े 3 साल की सजा दी गई है, जबकि उन्हें अधिकतम 7 साल की सजा दी जानी चाहिए थी.
वहीं लालू यादव की ओर से जवाबी हलफनामे में बढ़ती उम्र और खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया गया है. अपने जवाब में लालू यादव ने खराब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र को दर्शाते हुए कहा कि उन्हें हिरासत में रखने से कोई मकसद पूरा नहीं होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है. क्योंकि यह सामान्य सिद्धांतों और समान नियमों पर आधारित है.