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बापू टावर के दर्शन के लिए करना होगा इंतज़ार , काम धीमी होने से कांट्रेक्टर को हटाया

लाइव सिटीज, पटना : बिहार में नीतीश कुमार अपने कार्यकाल में बिहार से जुड़े इतिहास को बढ़ावा देने का काम करते आ रहे है. बिहार को सुन्दर बनाने के लिए एक से बढ़कर एक काम कर रहे है. इसी कड़ी में पटना के गर्दनीबाग में बापू टावर बन रहा है. जिसका शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 5 साल पहले 2 अक्टूबर 2018 को किया था. बापू टॉवर को इसी साल 2 अक्टूबर को लोगों के लिए खोल देना था. जिसमे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन और दर्शन से जुड़े सभी पहलुओं को प्रदर्शित किया जाना है.

बिहार के मुख्यमंत्री ने इसकी शुरुआत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती समारोह के अवसर पर की थी. इस वर्ष 2 अक्टूबर को इसका पूरे तरीके से बना लेना था. लेकिन इस प्रोजेक्ट पर काम धीमी गति से होने के चलते ये पूरा होता नही दिख रहा. हालांकि अभी पूरे तरीके से इसे बनने में एक साल का समय और लग जाएगा . हालांकि इस काम की गति को देखते हुए पेटी कॉन्ट्रैक्ट को रोक दिया गया है. अब काम लेने वाली कंपनी का दावा है कि कांट्रेक्टर के बदलने से काम के होने पर कोई असर नहीं पड़ेगा . हालांकि नए ठेकेदार के आने बाद काम में तेजी आई है. लेकिन फिर भी इस प्रोजेक्ट के लिए लोगों को अभी कम से कम एक साल का इंतजार और करना पड़ सकता है. वहीं लोग ये जानने की कोशिश कर रहें हैं कि इस टावर का उद्घाटन इस साल होगा एक साल और इंतजार करना पड़ेगा .

बता दें कि इस बापू टावर को बनने में 84.49 करोड़ रुपए खर्च होने है. पटना के गर्दनीबाग में सात एकड़ जमीन पर टावर को भवन निर्माण विभाग बना रही है. बापू टावर जी प्लस 6 का होगा . बता दें कि टावर में स्मृति चिह्न क्रय केन्द्र, भोजशाला, 200 लोगों के लिए बहुद्देशीय हॉल के साथ ओरिएंटेशन हॉल रहेगा . इसके साथ ही यहां शोध केन्द्र, प्रशासनिक कार्यालय, अस्थाई और स्थाई प्रदर्श हॉल भी बनाया जाएगा . बता दें कि भवन के बाहरी हिस्से पर कॉपर प्लेट का आच्छादन किया जाना है. साथ ही 250 दोपहिया वाहन, कार और बस की पार्किंग की व्यवस्था होगी . साथ ही लिफ्ट की सुविधा होगी . टावर को पूरे तरीके से भूकंपरोधी बनाया जा रहा है.

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