लाइव सिटीज पटना: बिहार में जहरीली शराब से मौत पर मुआवजा देने के नीतीश सरकार के फैसले पर बीजेपी सवाल उठा रही है. पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी का कहना है कि बीजेपी के दबाव में सरकार को यह फैसला लेना पड़ा है. साथ ही उन्होंने मुआवजा देने की नीयत पर सवाल भी खड़ा किया है. जिस पर जदयू ने भी पलटवार किया है. जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि आज जो बीजेपी के नेता सवाल उठा रहे हैं, उनको याद रखना चाहिए कि शराबबंदी के फैसले सभी दलों की सहमति के आधार पर लिए गए थे.
जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने सुशील मोदी को जवाब देते हुए कहा कि शराबबंदी महिलाओं की मांग पर लागू की गई थी और आंकड़े गवाह है कि महिला अपराध में कमी आई है. महिलाओं का सशक्तिकरण हुआ है और तमाम राजनीतिक दलों का विहित संकल्प है. संकल्प पर राज्य में शराब बंदी लागू है. नीरज कुमार ने कहा कि जब बीजेपी हमारे साथ सरकार में शामिल थी, तब क्यों नहीं शराबबंदी को वापस लेने की मांग की.
नीरज कुमार ने कहा कि सुशील मोदी जब आप बिहार में सत्ता में थे. एनडीए जब सत्ता में थी, जब 23 महीने के बाद आदरणीय नरेंद्र मोदी और अमित शाह नीतीश कुमार जी के दरबार में नतमस्तक होकर सरकार में शामिल हुए और उस दौरान जहरीली शराब के मामले में मुआवजे की आवाज उठाने में गुरेज करते रहे. हां नीतीश कुमार की यह मान्यता है कि जबसे शराबबंदी हुई है, तब से मुआवजा देने की योजना लागू करना यह बताता है कि ना तो वोट के लिए और ना ही दूसरे मकसद के लिए मकसद केवल यह है आर्थिक रूप से विपन्न परिवार को कोई सहायता मिल जाए तो वह बेहतर होगा.
बता दें कि बिहार में जहरीली शराब से लगातार मौतें हो रही है. अब जहरीली शराब से मौत मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा फैसला लिया है. मृतक के परिजनों को चार लाख मुआवजा देने का ऐलान किया गया है. इस फैसले पर बीजेपी सवाल उठा रही है. पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी का कहना है कि बीजेपी के दबाव में सरकार को यह फैसला लेना पड़ा है लेकिन मुआवजा देने की नीयत पर सवाल भी खड़ा किया है. साथ ही शराब पीने के मामले में बंद लोगों की रिहाई की मांग भी की है. जिस पर जदयू प्रवक्ता ने पलटवार किया है.