लाइव सिटीज पटना: उपेंद्र कुशवाहा लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ एक के बाद एक आरोप लगा रहे हैं. वहीं अब उपेंद्र कुशवाहा ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है. बुधवार को उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ा खुलासा किया है. उपेंद्र कुशवाहा ने साफ़ कर दिया है कि उन्हें किसी भी सूरत में तेजस्वी यादव का नेतृत्व कभी भी स्वीकार नहीं होगा. उन्होंने एक बार फिर से सीएम नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए उन्हें दिल से फैसला लेने की मांग की है.
उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि वह कभी भी जेडीयू से अलग नहीं होने वाले हैं. उन्हें पार्टी के अंदर यदि पांच रुपए वाला कार्यकर्त्ता भी बनकर रहना होगा तो रह लेंगे. लेकिन भाजपा के साथ नहीं जाएंगे. इतना ही नहीं उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी साफ़ कर दिया कि वे तेजस्वी यादव को भी अपना नेता मानने को तैयार नहीं है. उन्हें तेजस्वी यादव का नेतृत्व कभी भी स्वीकार नहीं है. उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर हमारी पार्टी के अलावा दूसरी पार्टी के नेता को हमारा मुख्यमंत्री फेस बनाया जाए. इसके बदले हमारी पार्टी से किसी भी समाज के नेता को आगे बढ़ाया जाए तो हम इस तरह की बात नहीं कहेंगे.
डील के बारे में जिक्र करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि 2025 के लिए जेडीयू के अंदर से ही किसी का नाम आगे किया जाए. चाहे वह किसी समाज का हो. जेडीयू से नाम रहा तो वह (उपेंद्र कुशवाहा) हर तरीके से तैयार हैं. इसी से पार्टी मजबूत होगी, नहीं तो बर्बाद हो जाएगी. उपेंद्र कुशवाहा ने खुलकर तेजस्वी यादव का नाम लिया और कहा कि सीएम कहें कि डील नहीं हुई है और तेजस्वी का नाम आगे नहीं करेंगे. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वह बार-बार आग्रह करते हैं कि अगर मुख्यमंत्री चाहें तो जब कहेंगे वह जाकर बात करने के लिए तैयार हैं. वह कुछ नहीं चाहते हैं, बस पार्टी को मजबूत करना चाहता हैं.
लालूराज की याद दिलाते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीशजी, आरजेडी से डील जेडीयू को खत्म कर देगी. इसलिए आप दूसरी की सलाह के बजाय अपने दिल से काम कीजिए. अगर किसी तरह की डील आरजेडी से हुआ है तो उसे तुरंत खत्म कीजिए और अगर कोई डील नहीं हुआ है तो आप खुद इसका खंडन कीजिए. उन्होंने कहा कि सरकार एवं पार्टी में लवकुश समीकरण का ध्यान रखते हुए किसी नेता को बड़ी जिम्मेदारी दीजिए. अगर उपेन्द्र कुशवाहा का चेहरा ठीक नहीं हो तो कोई बात नहीं. किसी दूसरे अति पिछड़ा नेता को बड़ी जिम्मेदारी दीजिए. मैं जेडीयू का प्राथमिक सदस्य रहकर भी काम करने को तैयार हूं.
वहीं उनके वार्ड पार्षद तक का चुनाव नहीं जीत पाने की क्षमता के सवाल पर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि इससे क्या फर्क पड़ता है कि वे वार्ड पार्षद का चुनाव नहीं जीत सकतें हैं,मायने ये हैं कि उनका सवाल और आशंका सही या गलत. तीन चार को छोड़कर जेडीयू के अधिकांश नेता डील को लेकर सशंकित हैं.अगर मीडिया के कैमरे के बजाय अनौपचारिक बातचीत इन नेताओं से करें तो हकीकत सामने आ जाएगी.सार्वजनिक रूप से लोग अभी नहीं बोलना चाह रहें हैं. बता दें कि बीते दिनों जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा था कि उपेन्द्र कुशवाहा वार्ड पार्षद तक का चुनाव नहीं जीत सकते हैं.