लाइव सिटीज, पटना: आरक्षण के मुद्दे पर लगातार केंद्र की मोदी सरकार और बिहार की नीतीश सरकार को घेरने वाले तेजस्वी यादव ने आरक्षण की सीमा को बढ़ाने को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. इस पत्र को उन्होंने गुरुवार (05 जून, 2025) को एक्स पर पोस्ट किया
तेजस्वी यादव ने अपने पत्र में कहा है कि आरक्षण के दायरे को 85% तक बढ़ाया जाए और इसे 9वीं अनुसूची में डाला जाए. पत्र में यह भी लिखा है कि इसे लागू करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए. तेजस्वी यादव ने अपने पत्र में कहा है कि एक दिन का विधानमंडल का विशेष सत्र भी बुलाया जाए और इसे पारित किया जाए.
सीएम नीतीश कुमार को लिखे पत्र में तेजस्वी यादव ने कहा है कि 85 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करते हुए विधेयक पारित करा उसे 9वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को तीन सप्ताह के अंदर भेजा जाए. ऐसा नहीं होने की स्थिति में राज्य के 90 प्रतिशत दलित-आदिवासी, पिछड़े-अति पिछड़े एवं सदियों से दबे कुचले लोगों के हित में हमारे द्वारा राज्य भर में एक व्यापक जन-आंदोलन की शुरुआत की जाएगी.
तेजस्वी यादव ने अपने पत्र में लिखा है कि अगस्त 2022 में सरकार में आने के बाद महागठबंधन सरकार ने साल 2023 में जाति आधारित गणना का काम पूरा किया था. इस गणना के बाद विभिन्न जातियों की जनसंख्या एवं उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति के आधार पर विधेयक पारित करा कर राज्य के पिछड़े, अति पिछड़े, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण की सीमा 65 प्रतिशत तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया था. बिहार में सरकारी नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण सीमा निर्धारित की गई थी.
उन्होंने आगे लिखा कि इस कानून को पटना हाईकोर्ट ने यह कहकर रद्द कर दिया कि सरकारी नौकरियों एवं अध्ययन संस्थानों में नामांकन के लिए जातियों के लोगों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व का अध्ययन किए बिना आरक्षण की सीमा को बढ़ाया गया है. सभी जानते हैं कि तमिलनाडु में इसी आधार पर आरक्षण मिलता है. तेजस्वी ने कहा है कि अगर नीतीश कुमार ऐसा नहीं करते हैं तो यह समझा जाएगा कि वो और उनकी सरकार जानबूझकर इस मामले को लटका और भटका रही है.