लाइव सिटीज पटना: बिहार की नीतीश सरकार को बड़ा झटका लगा है. पटना हाईकोर्ट ने जातीय जनगणना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. अब इस मामले पर अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी. जातीय जनगणना पर रोक के बाद बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का बड़ा बयान सामने आया है. तेजस्वी यादव ने कहा कि आज नहीं तो कल जातीय गणना होकर रहेगा और हम इसे बिहार में कराकर रहेंगे.
तेजस्वी यादव ने कहा कि आज नहीं तो कल जातीय गणना होकर रहेगी. हम जातीय गणना कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं. बिहार की जनता भी चाहती है कि जातीय गणना करायी जाए. यह बिहार के लोगों के हित के लिए हैं. वे इसकी लड़ाई आगे भी लड़ते रहेंगे. तेजस्वी यादव ने कहा कि जातीय गणना कराने का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया था. यह किसी जाति विशेष के लिए नहीं हो रहा था बल्कि सबके के लिए किया जा रहा था. सभी जातियों का विकास हो इसके लिए हमलोगों ने यह फैसला लिया था.
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार सरकार अपने पैसे से जातीय गणना कराने का फैसला लिया था क्योंकि केंद्र सरकार ने इस मद में पैसे देने से इनकार कर दिया था. बीजेपी नहीं चाहती है कि जातीय गणना बिहार में हो. क्योंकि जब डाटा सामने आता तो पता चल जाता कि कितने लोग गरीब हैं और कितने भूमिहीन. किसकी आर्थिक हालात बेहतर है और किसकी बदतर. यह सब इस जातीय गणना में पता चल जाता. ये सभी जाति के फायदे की बात थी. अब हाईकोर्ट का जजमेंट आने के बाद राज्य सरकार आगे कोई फैसला लेगी. तेजस्वी ने यह भी कहा कि आज नहीं तो कल जातीय गणना होकर रहेगा. हम इसे बिहार में कराकर रहेंगे.
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी चाहते हैं कि बिहार में जातीय गणना हो. यह लोगों के हित में हैं और जनता की मांग भी थी. हमारी सरकार गरीबी, पिछड़ापन को दूर करना चाहती है. समाज के अंतिम पायदान तक गरीबों को लाभ कैसे पहुंचे इसे लेकर जातीय गणना हमलोग बिहार में करवा रहे थे. बिना आदेश पढ़े बीजेपी के लोग बोल रहे हैं. कोर्ट के स्टे के बाद बीजेपी के नेता खुशी मना रहे हैं. कोई भी बीजेपी शासित राज्य में या केंद्र में सरकार जातीय गणना करवा नहीं है. जब बिहार में इस पर रोक लगाई गयी तब खुशी मना रहे हैं. बीजेपी वाले यह बात झूठ बोल रहे हैं कि हमलोग जातीय गणना के पक्ष में हैं.
बता दें कि बिहार में जाति आधारित जनगणना पर पटना हाईकोर्ट ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. तीन जुलाई को अगली सुनवाई होगी, तब तक किसी भी तरह के रिपोर्ट बनाने पर रोक लगा दी गई है. यह आदेश गुरुवार को चीफ जस्टिस की बेंच ने सुनाया. बतातें चलें कि बिहार में जनवरी 2023 में जातीय जनगणना का काम शुरू हुआ था. दूसरे चरण का काम 15 अप्रैल से लेकर 15 मई तक होना था. पहले चरण में मकानों की गिनती की गई थी. दूसरे चरण में जनगणना अधिकारी घर-घर जाकर लोगों की जाति के अलावा उनके आर्थिक ब्यौरे की जानकारी जुटा रहे थे.