लाइव सिटीज, पूर्णिया : जदयू के पूर्व प्रदेश महासचिव जितेंद्र यादव ने शनिवार को अपने शिवनगर, खुश्कीबाग स्थित आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर पार्टी द्वारा उन्हें निष्कासित किए जाने पर अपनी बात रखी। कहा कि पार्टी के आदेश को मैं स्वीकार करता हूं। लेकिन मैं अपना नेता और अभिभावक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मानता हूं। इसलिए मैं पर्दे के पीछे के सच और साजिश को उनके सामने रखूंगा और उनका जो भी निर्णय होगा मुझे मान्य होगा। उन्होंने कहा कि मुझे दुख इस बात का है कि जिस पार्टी के लिए मैंने 10 वर्षों तक अपना खून-पसीना बहाया और रात-दिन एक कर दिया उसने निष्कासन के फैसले से पहले मेरा पक्ष भी जानना उचित नहीं समझा।
यादव ने कहा कि मेरा सीधा आरोप है कि इस पूरी साजिश के पीछे पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी संतोष कुशवाहा जिम्मेदार हैं, जिन्होंने अपने हार का ठीकरा मेरे सिर पर फोड़ा है। जबकि अपनी हार के लिए वे खुद जिम्मेदार हैं और वे एक नाकाम जनप्रतिनिधि साबित हुए। दरअसल बीते दस सालों तक संतोष कुशवाहा जनता से दूर रहे और केवल ठेकेदारी करते रहे। एन्टी इंकम्बनसी की वजह से उनकी हार हुई। उन्हें हराने में उनके करीबी की प्रमुख भूमिका रही लेकिन मुझे बलि का बकरा बनाया गया। पूर्णिया में जदयू प्रत्याशी की हार पार्टी की हार नहीं संतोष कुशवाहा की व्यक्तिगत हार है।
यादव ने कहा कि मैं नामंकन के समय से लेकर चुनाव तक उनके पक्ष में लगातार काम करता रहा। इसके गवाह पूर्णिया की जनता एवं मंत्री विजय चौधरी, अशोक चौधरी एवं श्रवण कुमार आदि रहे हैं। मंत्री श्रवण कुमार के साथ तो मैं दो दिनों तक रुपौली विधानसभा क्षेत्र के सघन दौरे पर भी रहा। यहां तक कि संतोष कुशवाहा के रोड शो के दौरान उनके चुनाव रथ पर भी सवार रहा। बीच के दिनों में चुनाव से पहले निजी कार्य से देहरादून गया लेकिन वापस लौटकर चुनाव के लिए काम किया।
उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान संतोष कुशवाहा द्वारा मेरा लगातार उपेक्षा एवं अपमानित किया गया। वाबजूद मैं उनके पक्ष में प्रचार करता रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में मेरी धर्मपत्नी सह पूर्णिया की महापौर विभा कुमारी ने भी मंच से संबोधन में संतोष कुशवाहा को जिताने का आग्रह करती रही। पूरा शहर जानता है कि महापौर विभा कुमारी जब अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से हटाई गई थी तो उसमें संतोष कुशवाहा की अहम भूमिका थी। वहीं वर्ष 2022 के महापौर चुनाव में संतोष कुशवाहा जी और उनके पूरे परिवार ने खुले तौर पर महापौर विभा कुमारी को हराने का हरसंभव प्रयास किया लेकिन असफल रहे। यह इतिहास रहा है कि संतोष कुशवाहा जब भी किसी को हराने का प्रयास किए हैं उसकी जीत हुई है और जब भी किसी को जिताने का प्रयास करते है उसकी हार होती है।
यादव ने कहा कि दरअसल, संतोष कुशवाहा को मेरी और महापौर विभा कुमारी की बढ़ती लोकप्रियता से परेशानी हैं। उन्हें हमसे भविष्य में राजनीतिक खतरा महसूस होता है इसलिए अपनी हार की आड़ में पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को दिग्भर्मित कर मुझे पार्टी से निष्कासित कराया गया है। आप मुझे दल से निष्काषित करा सकते हैं लेकिन पूर्णिया के लाखों लोगों के दिलो से कैसे निष्कासित करा सकते हैं क्योंकि अब आपका ही जनाधार समाप्त हो चुका है।
उन्होंने कहा कि इस साजिश में पार्टी के कई लोग शामिल हैं। समय आने पर हर चेहरे को बेनकाब किया जाएगा। कहा कि मैं शीघ्र ही मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार जी को पत्र लिखकर और व्यक्तिगत रूप से मिलकर अपनी बात रख कर उनसे न्याय की गुहार लगाऊंगा। बांकी जनता की अदालत तो अंतिम अदालत होता है।